Luxury Home: धनी लोगों द्वारा 50 लाख से 50 करोड़ रुपये की कीमत वाले दूसरे घरों की मांग में तेजी देखी जा रही है. ऐसे घरों के खरीदारों में हाई प्रोफाइल टेक प्रोफेशनल्स, कॉर्पोरेट पेशेवर और अनिवासी भारतीय (एनआरआई) सबसे आगे हैं. महामारी के मौजूदा दौर को देखने के बाद वे अब शहर की भीड़भाड़ से दूर अपना दूसरा घर (Luxury Home) लेना चाहते हैं, जो बड़ा हो और प्रोफेशनल कामकाज के लिए उसमें एक वर्किंग स्पेस भी हो. टाटा रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (टीआरआईएल), डीएलएफ लिमिटेड, इसप्रावा, और अन्य डेवलपर गोवा, कसौली, कुन्नूर, अलीबाग जैसी ‘शहर से दूर’ जगहों पर ऐसे घर की मांग पूरी करने के लिए विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं.
टीआरआईएल ने कसौली में अपनी लक्जरी विला परियोजना ‘मिस्ट’ के चरण 1 में सभी यूनिट्स बेचने के बाद अप्रैल में दूसरा चरण लॉन्च किया है. लोनावला में अपनी परियोजना ‘प्राइव’ में, इसने 4-6 करोड़ रुपये की कीमत वाले घर बेचे हैं.
गोवा में, जहां अपार्टमेंट की कीमत 1 करोड़ रुपये से कम है, केवल कुछ मकान ही बचे हैं. ऐसे घरों की मांग करने वालों में भारत में रह रहे धनी लोगों के साथ ही दुबई और लंदन में रह रहे एनआरआई भी शामिल हैं.
लग्जरी लाइफस्टाइल डेवलपर इसप्रावा के संस्थापक और मुख्य परिचालन अधिकारी धीमान शाह का कहना है कि “अल्ट्रा-रिच वर्ग के लोग एक ऐसे घर की जरूरत महसूस कर रहे हैं, जो भीड़-भाड़ वाले इलाकों से दूर हों, पर जहां वे आसानी से पहुंच सकें.
ऐसे घरों की मांग पहले भी थी, पर कोविड के बाद अब इसमें काफी तेजी देखने को मिल रही है. शाह ने कहा कि जो खरीदार पहले ऐसे घरों के लिए 6-7 करोड़ रुपये खर्च करने को तैयार थे, वे अब 10-11 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीद रहे हैं.
कई ग्राहक ऐसे भी हैं जो गोवा और अलीबाग में हमारे महंगे (20 करोड़ रुपये और ऊपर) घर खरीद रहे हैं.
साविल्स इंडिया में आवासीय सेवाओं की एमडी श्वेता जैन ने कहा कि ”निश्चित रूप से कोविड के प्रकोप के बाद एक दूसरा घर के खरीदने या लीज पर लेने में लोगों की रुचि बढ़ रही है.
अब तक गोवा जैसी जगहों पर ऐसे घरों की डिमांड ज्यादा थी, पर अब होम बॉयर्स कसौली या उत्तराखंड में भी ऐसे घर खरीदना चाहते हैं.”
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