LPG: कई प्राइवेट प्लेयर्स डोमेस्टिक लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (LPG) के बिजनेस का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं. इसकी वजह सरकार की ओर से बीते कुछ महीनों से एलपीजी पर दी जाने वाली सब्सिडी का भुगतान नहीं करना है. इसने रिलायंस गैस, गो-गैस और प्योर-गैस जैसी कंपनियों के लिए दरवाजे खोल दिए हैं. अब तक निजी कंपनियां कमर्शियल एलपीजी पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही थीं क्योंकि उन्हें रसोई गैस सब्सिडी उपलब्ध नहीं थी. केवल सरकारी स्वामित्व वाली तेल-विपणन कंपनियों को सब्सिडी मिलती थी.
पिछले साल कोरोना लॉकडाउन की वजह से क्रूड ऑइल की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई थी जिसकी वजह से एलपीजी कीमतों में भी गिरावट आई और सरकार ने चरणबद्ध तरीके से सब्सिडी को बंद कर दिया.
अब एलपीजी की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद भी सब्सिडी बहाल नहीं की गई है. 14.2 किलोग्राम के घरेलू एलपीजी सिलेंडर की अब दिल्ली में कीमत 884.50 रुपए है.
जबकि पहले की सरकारों ने एलपीजी की कीमतों को बड़े पैमाने पर 500 रुपये प्रति सिलेंडर से नीचे रखने का प्रयास किया था.
सरकार के इस कदम ने प्राइवेट प्लेयर्स को एक अवसर प्रदान किया है. ये कदम रिलायंस गैस जैसी कंपनियों को घरेलू एलपीजी कारोबार में आक्रामक तरीके से उतरने में मदद कर सकता है.
रिलायंस गैस महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में घरेलू कनेक्शन प्रदान करता है. मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) की जामनगर रिफाइनरी से इन क्षेत्रों में सर्विस प्रोवाइड की जाती है.
अहमदाबाद में, रिलायंस गैस के 15 किलो के घरेलू सिलेंडर की कीमत 1,200 रुपये है. यानी ये गैस करीब 80 रुपए प्रति किलो पड़ती है. प्योर-गैस के डीलर करीब 1300 रुपए का एलपीजी सिलेंडर बेचते हैं जो करीब 87 रुपए प्रति किलो पड़ती है.
कॉन्फिडेंस पेट्रोलियम की यूनिट गो-गैस 15 किलो के घरेलू एलपीजी सिलेंडर के लिए 1,200 रुपए वसूलते हैं. वहीं सरकारी स्वामित्व वाली तेल-विपणन कंपनियां (OMCs) 14.2 किलो का घरेलू एलपीजी सिलेंडर लगभग 890 रुपए में बेचती है.
निजी कंपनियों का कहना है कि वे फास्ट सर्विस और 48 घंटों में कनेक्शन प्रदान करती हैं. निजी कंपनियों के ज्यादातर डीलर कम पेपर वर्क के साथ तुरंत सिलेंडर दे देते हैं.
तुलनात्मक रूप से, किसी ओएमसी से एलपीजी कनेक्शन प्राप्त करने में ज्यादा दिन लग सकते हैं. इंडेन गैस एजेंसी के एक डीलर ने कहा, ‘चोरी को कम करने के लिए ओएमसी एलपीजी कनेक्शन देते समय बहुत अधिक जांच होती है.
सब्सिडी व्यवस्था को काफी हद तक समाप्त कर दिया गया है, लेकिन दस्तावेजों की जांच अभी भी पहले की ही तरह की जा रही है.’
डोमेस्टिक एलपीजी सिलेंडरों का कमर्शियल उपयोग न हो इसको रोकने का प्रयास भी तेल विपणन कंपनियों का रहता है. घरेलू गैस पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगता है जबकि कमर्शियल एलपीजी महंगी है क्योंकि इस पर 18 फीसदी टैक्स लगता है.
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