Corporates Turned: 14 महीने के दवाब के बाद अक्टूबर में बड़ी फर्मों के कर्ज में वृद्धि हुई है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार अक्टूबर में बड़ी फर्मों का कर्ज 0.5 फीसदी बढ़कर 22.7 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जबकि 12 महीने पहले इसमें 1.8 फीसदी की गिरावट आई थी. एक्यूइट रेटिंग के मुख्य विश्लेषिकी अधिकारी सुमन चौधरी ने कहा, वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में सकल पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ- ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन) में 10.7 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है. जो मुख्य रूप से सार्वजनिक पूंजीगत खर्च से प्रेरित है, हालांकि चालू वित्त वर्ष में निजी पूंजीगत व्यय में भी वृद्धि के संकेत हैं.
लघु और मध्यम आकार के उद्योगों को दिए गए कर्ज में वृद्धि अक्टूबर 2021 में 4.1 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो अक्टूबर 2020 में 0.7 प्रतिशत थी. आकार के अनुसार देखें तो मध्यम उद्योगों को दिए जाने वाले ऋण अक्टूबर 2021 में 20.8 की तुलना में 48.6 प्रतिशत बढ़ा. लघु और सूक्ष्म उद्योगों को दिए जाने वाला ऋण अक्टूबर 2021 में एक साल पहले की तुलना में 0.7 प्रतिशत से बढ़कर 11.9 प्रतिशत हो गया है.
बड़े उद्योगों की बात करें तो दिए जाने वाले कर्ज में वृद्धि अक्टूबर 2021 में 0.5 प्रतिशत पर रही. अक्टूबर 2021 में खुदरा ऋण में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई. अक्टूबर 2021 में कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए ऋण में 10.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि अक्टूबर 2020 में यह 7.2 प्रतिशत थी.
आरबीआई की विज्ञप्ति के अनुसार, जिन उद्योगों में ऋण वृद्धि देखी गई, उनमें इंजीनियरिंग, रसायन और रासायनिक उत्पाद, खाद्य प्रसंस्करण, रत्न और आभूषण, , खनन और उत्खनन, रबर, प्लास्टिक और उनके उत्पाद और वस्त्र शामिल थे. धातु उत्पाद, पेय और तंबाकू, सीमेंट और सीमेंट उत्पाद, निर्माण, कांच और कांच के बने पदार्थ, चमड़े और चमड़े के उत्पाद, कागज और कागज उत्पाद, पेट्रोलियम, कोयला उत्पाद और परमाणु ईंधन, वाहनों, वाहनों के पुर्जों और परिवहन उपकरणों के लिए ऋण में वृद्धि हुई है. जबकि लकड़ी और उससे बने उत्पादों में गिरावट आई है.
व्यक्तिगत ऋण की बात करें तो अक्टूबर 2020 में 8.7 प्रतिशत की तुलना में अक्टूबर 2021 में 11.7 प्रतिशत की उच्च दर से बढ़ रहा है. जो होम लोन, वाहन लोन और सोने के आभूषणों के बदले कर्ज की मांग के कारण हुआ.
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