Big Private Sector: निजी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों ने पिछले कुछ वर्षों में कॉर्पोरेट जगत में सबसे ज्यादा लाभ कमाया है यानी निजी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों ने कार्पोरेट लाभ के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है. इसके चलते लाभ में लगातार वृद्धि हुई है. वहीं छोटी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के खराब प्रदर्शन के चलते वह लाभ नहीं कमा पाई और अभी भी संघर्ष कर रही हैं. बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार भारत की 20 सबसे अधिक मुनाफे वाली कंपनियों ने 2021-22 (वित्त वर्ष 22) की पहली छमाही में कॉर्पोरेट मुनाफे का लगभग 65 प्रतिशत हिस्सा अपने नाम किया, जबकि एक दशक पहले वित्त वर्ष 2011 में 62.4 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2012 में 52 प्रतिशत हिस्सेदारी थी.
यह पिछले एक साल में कमोडिटी उत्पादकों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की लाभप्रदता में वृद्धि के कारण हुआ है. 20 सबसे अधिक लाभ वाली सूचीबद्ध फर्मों ने वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में 2.49 ट्रिलियन रुपये का संयुक्त शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 2015 की पहली छमाही में लगभग 1.4 ट्रिलियन रुपये से 78 प्रतिशत अधिक है. इसी अवधि में सभी 815 कंपनियों का संयुक्त शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2011 की पहली छमाही में 2.14 लाख करोड़ रुपये से 84 प्रतिशत बढ़कर 3.93 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) लगभग 26,000 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ के साथ सबसे अधिक मुनाफे वाली कंपनी थी. इसके बाद ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन का शुद्ध लाभ 24,000 करोड़ रुपये और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 21,700 करोड़ रुपये रहा. वित्त वर्ष 2014 से रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) हर साल मुनाफे के चार्ट में सबसे ऊपर रही है.
इससे पहले सरकार के स्वामित्व वाली ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) वित्त वर्ष 05 और वित्त वर्ष 13 के बीच लगभग एक दशक तक सबसे अधिक लाभदायक कंपनी थी. वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में शीर्ष 20 फर्मों ने सूचीबद्ध कंपनियों की कुल शुद्ध संपत्ति का 46 प्रतिशत हिस्सा लिया, जो वित्त वर्ष 2021 में 46.7 प्रतिशत से थोड़ा कम है. रिलायंस इंडस्ट्रीज वित्त वर्ष 2022 के पहली छमाही के अंत में लगभग 7.42 ट्रिलियन रुपये की शुद्ध संपत्ति के साथ सूची में सबसे ऊपर रही.
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