भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी मजबूत स्थिति और ग्रोथ के चलते भविष्य में भी आगे बढ़ता रहेगा. अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed) की ओर से ब्याज दरों में कटौती से इसे और तेजी मिल सकती है. खास बात यह है कि भारतीय शेयर बाजार में लोकसभा चुनाव के बाद ज्यादा तेजी आने की उम्मीद है. यह बात इन्वेस्टमेंट बैंकर जेपी मॉर्गन (JPMorgan) ने ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कही है. उन्होंने अनुमान जताया की विदेशी निवेशक चुनाव के बाद भारत में ज्यादा निवेश कर सकते हैं.
जेपी मॉर्गन चेज़ एंड कंपनी के राजीव बत्रा का कहना है कि भारत के 4.3 ट्रिलियन डॉलर के शेयर बाजार में वैश्विक फंडों की स्थिति हल्की बनी हुई है. निवेशक भारतीय मार्केट में करेक्शन का इस्तेमाल आने वाले समय में अपनी होल्डिंग को बढ़ाने के तौर पर कर सकते हैं. आपको बता दें कि बत्रा का भारतीय शेयर बाजार पर यह नजरिया तब आया है जब भारत के मार्केट में विदेशी फ्लो बहुत अधिक अस्थिर हो चुका है. दूसरी तरफ वैल्यूएशन के बढ़े होने की चिंता है. साथ ही देश में आने वाले समय में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं.
बुनियादी ढांचे के विकास की संभावना
बत्रा का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता में अपने दशक का विस्तार करने की व्यापक उम्मीद है. अगर उनकी सत्ता में दोबारा वापसी होती है तो उनके तीसरे कार्यकाल में बाजार-अनुकूल नीतियों को जारी रखने में मदद मिलेगी. साथ ही बुनियादी ढांचे का विकास होगा, इसके लिए पर्याप्त खर्च भी किया जाएगा. इससे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा. यही वजह है कि निवेशक सीट-बंटवारे की व्यवस्था पर नजरें बनाए हुए हैं.
100 अरब डॉलर के निवेश की उम्मीद
बत्रा ने कहा कि भारत में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी लिक्विडिटी, बिक्री-पक्ष कवरेज, निवेशक भागीदारी और पूंजी जारी करने के लिए एक बेहतर महौल बना रही है. ऐसे में अनुमान है कि यदि सभी बेंचमार्क निवेशक (ईएम, एशिया पूर्व-जापान, वैश्विक पूर्व-यूएस और वैश्विक) भारत पर अपनी अंडरवेट स्थिति को खत्म कर दें तो इससे अगले कुछ वर्षों में 100 अरब डॉलर का निवेश होगा. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी के अंत में वैश्विक फंडों की भारतीय शेयरों में हिस्सेदारी 763 अरब डॉलर थी.