Jobs: भारतीय कंपनियों (India Inc) की इस वित्त वर्ष के अंत तक 70 लाख ब्लू-कॉलर नौकरियां पैदा करने की संभावना है. इसकी वजह राज्यों में कोविड प्रतिबंधों में ढील, व्यावसायिक गतिविधियों का फिर से शुरू होना, खपत में वृद्धि और त्योहारी खरीदारी है. ये कुछ क्षेत्रों में मेनपावर की डिमांड को बढ़ा रही है. इकोनॉमिक टाइम्स ने एक सर्वे के हवाले से ये जानकारी दी है. ब्लू-कॉलर वर्कफोर्स के लिए एक लीडिंग ह्यूमन कैपिटल मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म बेटरप्लेस के पैन-इंडिया सर्वे के अनुसार, ब्लू-कॉलर श्रमिकों की मांग 15 महीनों में पहली बार पूर्व-कोविड समय को पार कर गई है. इसकी वजह वैक्सीन रोलआउट के बाद मांग में सुधार और आर्थिक गतिविधियों में तेजी है, जो कई क्षेत्रों में कंपनियों को मैनपावर को मजबूत करने के लिए प्रेरित कर रहा है.
इकोनॉमिक टाइम्स ने एक रिपोर्ट के हवाले से कहा, ब्लू कॉलर वर्कर्स की मांग 2019 से 4% और 2020 से 37% ऊपर है. ब्लू कॉलर जॉब्स रिपोर्ट 1,600 से अधिक कंपनियों के डेटा पर आधारित है.
बेटरप्लेस के कोफाउंडर और सीईओ प्रवीण अग्रवाल ने कहा, ‘जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था प्रतिबंधों से उबर रही है और व्यवसाय फिर से शुरू हो रहे हैं, ब्लू-कॉलर श्रमिकों की मांग बढ़ रही है.’
डिमांड का प्रोजेक्शन कंपनियों की वास्तविक हायरिंग आवश्यकताओं के आधार पर है. इसमें लॉजिस्टिक्स, ई-कॉमर्स, फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी), रिटेल, अपैरल, हेल्थकेयर, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा (BFSI) जैसे क्षेत्रों में नए रोजगार सृजन और खोई हुई नौकरियों की बहाली का संयोजन (combination) शामिल है.
डेटा में निर्माण क्षेत्र (construction sector) और विनिर्माण उद्योग (manufacturing industry) का एक बड़ा हिस्सा शामिल नहीं है.
अग्रवाल ने कहा, ‘कंपनियां दूसरी लहर के बाद पहले की तुलना में कहीं बेहतर तरीके से तैयार हैं और ज्यादातर अर्थव्यवस्था पटरी पर है.’
उन्होंने कहा, ‘तीसरी लहर आने पर भी, अधिकांश कंपनियां स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने के लिए आश्वस्त हैं. यह, उपभोक्ता मांग (consumer demand) में वृद्धि और देश भर में वैक्सीन रोलआउट के साथ, नियोक्ताओं (employers) को हायरिंग के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.’
रोजगार सृजन का 50% हिस्सा महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक से आने की उम्मीद है. मुंबई के नेतृत्व में महाराष्ट्र, कुल मांग के 17% हिस्से के साथ सूची में सबसे ऊपर है.
इसमें डिलीवरी एक्जीक्यूटिव, ड्राइवर, हाउसकीपर, रिटेल सेल्स एक्जीक्यूटिव्स, ग्राहक देखभाल अधिकारी, सिलाई मशीन ऑपरेटर, सुरक्षा और सुविधा प्रबंधन कर्मी, चिकित्सा बिक्री प्रतिनिधि और गोदाम कर्मचारी शामिल हैं.
कार्बन ब्लैक के ग्रुप डायरेक्टर संतरूप मिश्रा ने कहा, ‘जिन क्षेत्रों में लोग निवेश रोक रहे थे, उन क्षेत्रों में अगले कुछ महीनों में निवेश देखने को मिलेगा.
इसके अलावा, सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था को किकस्टार्ट करने के लिए नीतिगत योजनाओं की श्रृंखला से अधिक नौकरियों का सृजन होगा.’ उन्होंने कहा, ‘हमारा प्राइमरी फोकस उन व्यवसायों में हायरिंग पर होगा जो ग्रो कर रहे हैं.’
अर्थशास्त्रियों और जॉब मार्केट के एक्सपर्टेस ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार और मांग में वृद्धि के सरकार के प्रयासों से अधिक मैनपावर की आवश्यकता होगी.
हालांकि इस गति (momentum) को बनाए रखने के लिए टीकाकरण एक महत्वपूर्ण कारक (crucial factor) बना हुआ है.
केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘ब्लू-कॉलर जॉब मार्केट निश्चित रूप से काफी बेहतर दिख रहा है. यहां तक कि अगर नौकरियों में वृद्धि या नए रोजगार सृजन सीमित हैं, तो यह तथ्य कि कंपनियां खोई हुई नौकरियों को बहाल कर रही हैं, पुनरुत्थान (resurgence) का संकेत है.
उन्होंने कहा, ‘ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स और टेक्नोलॉजी जैसे तेजी से बढ़ते क्षेत्र ज्यादातर नए रोजगार सृजन के लिए जिम्मेदार होंगे.’
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