नौकरियों के मोर्चे पर एक अच्छी खबर है. देश में कंपनियों की तरफ से की जाने वाली भर्तियों में अगस्त में सालाना आधार पर 89% की ग्रोथ देखने को मिली है. यह कोविड के पहले के यानी अगस्त 2019 के मुकाबले 24% ज्यादा है. नौकरी डॉट कॉम के नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स से यह जानकारी सामने आई है. पिछले महीने हायरिंग इंडेक्स 2,673 रहा था.
अगस्त 2019 के मुकाबले 79% की ग्रोथ
IT सेक्टर की अगुआई में कई क्षेत्रों में प्री-कोविड के मुकाबले हायरिंग में तेज बढ़ोतरी देखी गई. IT सेक्टर में अगस्त के दौरान भर्तियों में अगस्त 2019 के मुकाबले 79% की ग्रोथ दर्ज की गई है. एजुकेशन/टीचिंग सेक्टर की भर्तियों में बीते माह सालाना आधार पर 102% की मजबूत ग्रोथ रही. वहीं, अगस्त 2019 के मुकाबले यह 34% अधिक रही.
अन्य क्षेत्र जिनमें प्री-कोविड के मुकाबले अधिक भर्तियां की गईं उनमें रियल एस्टेट 15%, टेलीकॉम 13%, मेडिकल/हेल्थकेयर 8%, फार्मा/बायोटक 7%, इंश्योरेंस 6% और BFSI 5% शामिल हैं.
ट्रैवेल और हॉस्पिटैलिटी उद्योग में रिकवरी नहीं
हालांकि, ट्रैवेल और हॉस्पिटैलिटी उद्योग अब भी महामारी के प्रकोप से उबरा नहीं है. इसका असर भर्ती गतिविधियों पर भी पड़ा है. पिछले महीने ट्रैवेल और हॉस्पिटैलिटी उद्योग में भर्तियों में 53 फीसदी की गिरावट रही. लेकिन अगस्त 2020 में जब देश में लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील नहीं दी गई थी, उसके मुकाबले इस इस साल अगस्त में भर्तियों में 134% की तेजी देखने को मिली.
आंकड़ों के मुताबिक, आलोच्य महीने में 8-12 साल वाले अनुभवी पेशेवरों की मांग सालाना आधार पर सबसे ज्यादा 110 फीसदी बढ़ी. इसके बाद 4-7 साल के अनुभवी पेशेवरों की मांग में 91 फीसदी, 0-3 साल के अनुभव वालों की मांग में 79 फीसदी और 13 साल से ज्यादा अनुभवी पेशेवरों की मांग में 65 फीसदी तेजी रही.
बंगलूरू सबसे आगे
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने देश के प्रमुख छह मेट्रो शहरों में भर्तियां 39 फीसदी बढ़ गईं. नौकरियां देने में आईटी हब बेंगलुरु सबसे आगे रहा, जहां लोगों को अगस्त, 2019 के मुकाबले 66 फीसदी ज्यादा नौकरियां मिलीं.
इस लिहाज से हैदराबाद में 61%, पुणे में 54% और चेन्नई में 30% तेजी रही. इन शहरों के मुकाबले दिल्ली-NCR और मुंबई में सुधार की गति धीमी है. इन शहरों में भर्ती गतिविधियों में क्रमश: 16% और 4% तेजी रही है.
नौकरी.कॉम के चीफ बिजनेस ऑफिसर पवन गोयल ने कहा कि जनवरी-मई 2021 की तुलना 2019 की समान अवधि से करें तो साल के शुरुआती 5 महीने में हायरिंग में गिरावट का रुझान था. जून में पॉजिटिव ग्रोथ आनी शुरू हुई. कोरोना की दूसरी लहर के बाद आर्थिक गतिविधियां सामान्य स्तर की ओर लौट रही हैं.
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