Jan Dhan Yojna: बैंक में खाता होना किसी समय लक्जरी माना जाता था, लेकिन अब केंद्र सरकार के प्रयासों के चलते देश के गरीब से गरीब आदमी का बैंक में खाता होना आम बात हो गई है. केंद्र सरकार ने इसके लिए अनेक कदम उठाए हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख है जन-धन योजना. अभी कुछ दिन पहले की खबर है कि जन-धन योजना में खोले गए खातों में महिलाओं द्वारा सबसे अधिक धन जमा कराया गया है. यह खबर बताती है कि इस योजना ने किस हद तक महिला सशक्तिकरण में अपनी भूमिका निभाई है.
केंद्र सरकार द्वारा देश के नागरिकों तक बैंकिंग सुविधाओं की सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने हेतु वर्ष 2014 में ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ शुरू की गई थी. यह योजना आने वाली 28 अगस्त 2021 को 7 वर्ष पूरे कर लेगी। बैंकिंग पहुंच से दूर व्यक्तियों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ना और बैंकिंग संबंधित सुरक्षा प्रदान करना इसका प्रमुख उद्देशय था। साथ ही यह योजना वित्त पोषण की सुविधा प्रदान करती है.
इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में लोगों तक बैंकिंग पहुंच में वृद्धि हुई है तथा इसके तहत महिलाओं की बढ़ती भागीदारी भी इस योजना की एक बड़ी सफलता है. एक रिपोर्ट के अध्ययन में आया है कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना ने वित्तीय समावेशन में अधिक भारतीय महिलाओं को शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जन-धन योजना के तहत 47 प्रतिशत महिलाओं के पास बैंक खाता है. इस रिपोर्ट के निष्कर्ष बताते हैं कि भारत में पहले से कहीं अधिक महिलाएं अब आर्थिक रूप से बैंकिंग क्षेत्र में शामिल हैं.”
गेट्स फाउंडेशन द्वारा तीसरा वार्षिक सर्वेक्षण जून 2015 से अक्टूबर 2015 के बीच आयोजित किया गया था, जिसमें 45,036 वयस्कों को शामिल किया गया था. सभी देशों में, जहां फाउंडेशन ने इसी तरह के सर्वेक्षण किए थे. भारतीय महिलाओं की बैंकिंग पहुंच में सबसे तेज वृद्धि देखी गई. अभी हाल में वित्त मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत कुल खाताधारकों में करीब 55 फीसदी महिलाएं हैं.
इसके अलावा COVID-19 महामारी के दौरान महिलाओं को आर्थिक चुनौतियों से निपटने हेतु सहायता के रूप में सरकार ने 26 मार्च, 2020 को सभी महिला जन धन खाता धारकों के खातों में तीन माह तक 500-500 रुपए जमा करवाए थे. यह योजना सरकार के लिए एक बेहतरीन और सीधा माध्यम बनकर उभरी है.
प्रधानमंत्री जन धन योजना ने गरीबी उन्मूलन और जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार को रोकने में काफी मदद की है. इस योजना के माध्यम से सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के तहत हजारों करोड़ रुपये का लाभ सीधे लाभार्थियों के खातों में स्थानांतरित किया गया है. इससे बिचोलिए की जरूरत खत्म हो गई जिससे भ्रष्टाचार पर स्वयं ही रोक लगी. कोरोना महामारी के समय सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों के खाते में सीधे ऐसे भेजे थे. इसके अलावा PM किसान सम्मान निधि के तहत किसानों के खाते में हर साल 6 हजार रुपये भेजे जाते हैं. किसी भी सरकारी योजना का लाभ अब लाभार्थी के खाते में सीधे भेज जाता है.
जून 2021 तक के आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत खोले गए 43.35 करोड़ PMJDY खातों में से 86.3% खाते सक्रिय हैं. अगस्त 2015 से लेकर अगस्त 2020 के बीच इस योजना के तहत खातों की संख्या में 2.3 गुना वृद्धि और जमा राशि में 5.7 गुना वृद्धि देखी गई है. वर्तमान में इस योजना के तहत प्रति खाता औसत जमा राशि 3,239 रुपए तक पहुंच गई है. अगस्त, 2015 की तुलना में इस योजना के तहत प्रति खाता औसत जमा राशि में 2.5 गुने की वृद्धि देखी गई है. गौरतलब है कि इस योजना के तहत खोले गए बैंक खातों में न्यूनतम धनराशि जमा रखने की अनिवार्यता नहीं होती है. इसके अलावा इस योजना के तहत कैशलेस बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिये अब तक 29.75 करोड़ खाताधारकों को रूपे कार्ड (RuPay card) जारी किये जा चुके हैं.
इस योजना की सफलता को देखते हुए केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में योजना के तहत खोले गए नए खातों (28 अगस्त, 2018 के बाद) पर ‘रूपे कार्ड बीमा’ (RuPay Card Insurance) के माध्यम से दुर्घटना बीमा कवर को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दिया था. सरकार ने इस योजना के तहत खोले गए बैंक खातों में ओवरड्राफ्ट (Overdraft) की सीमा को 5,000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए करने के साथ इस सुविधा के लिये 18-60 वर्ष आयु सीमा को बढ़ाकर 18-65 वर्ष कर दिया गया. सरकार ने इस योजना के क्रियान्वयन को अधिक प्रभावी बनाने हेतु अपना ध्यान ‘प्रत्येक घर’ से हटाकर ‘हर बैंक खातारहित वयस्क’पर किया है.
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