इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी के क्षेत्र में काम करने वालों की कुछ समय से चांदी हो रखी है. IT कंपनियां हाइक, वेरिएबल पे के जरिए उनका मनोबल बढ़ा रही हैं. बड़ी IT सर्विस कंपनियां 100 फीसदी तक वैरिएबल पे (variable pay) दे रही हैं. इसके पीछे उनका मकसद एंप्लॉयीज को कंपनी में बनाए रखना है.
हायरिंग फर्म टीमलीज के स्पेशलाइज्ड स्टाफिंग हेड सुनील सी का कहना है कि इकॉनमी में सुधार होने की उम्मीद से कंपनियों में माहौल बदला है. उनके पास ऑर्डर बढ़ रहे हैं और ग्राहकों की तरफ से भी खरीदारी में बढ़ोतरी हो रही है. सुस्त पड़े कामकाज में वापस उछाल आने से कंपनियों के लिए कर्मचारियों को खुश करना और उन्हें फर्म में बनाए रखना जरूरी हो गया है.
IT कंपनियों ने कोरोना के कारण बनी अनिश्चितता से सैलरी में हुई कटौतियों के बाद वातावरण सकारात्मक बनाने के लिए साल में एक से अधिक बार हाइक का ट्रेंड शुरू किया था. खासतौर पर IT कंपनियों ने इसकी शुरुआत की थी.
साल में कई बार सैलरी हाइक के बाद वेरिएबल पे पर दांव
सुनील कहते हैं, ‘कंपनियों की यह पहल शुरुआती रूप से अच्छी थी. मगर असल में हो यह रहा था कि सालाना आधार पर अगर आप 10-12 प्रतिशत सैलरी बढ़ने की उम्मीद कर रहे थे, तो कंपनी आपको साल में दो बार चार-चार फीसदी के हाइक दे दे रही थी. देखने में तो यह लगता था कि हर छह महीने पर सैलरी बढ़ रही है, मगर असल में सालाना आधार पर कम ही बढ़त हो रही थी.’
इस वजह से छमाही हाइक अब एंप्लॉयीज को उतना आकर्षित नहीं कर रहे. ऐसे में कंपनियों की नई स्ट्रैटजी ज्यादा से ज्यादा वेरिएबल पे देने की है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इंफोसिस जैसी टॉप IT कंपनियां 100 फीसदी तक वेरिएबल पे कर रही हैं.
सुनील कहते हैं, ‘इससे एंप्लॉयी को कंपनी में तो बनाया रखा जा ही सकता है, उन्हें बेहतर परफॉर्म करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा सकता है. सैलरी हाइक में कई बार तमाम फैक्टर के चलते अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वालों के भी पैसे बढ़ जाते हैं. वेरिएबल पे पूरी तरह से आपके काम पर निर्भर करता है. 100 फीसदी तक पे मिलने की उम्मीद में कर्मचारी अच्छे से अच्छा परफॉर्म करने की कोशिश करेंगे. इससे कंपनी की प्रॉडक्टिविटी बढ़ेगी.’
IT की है डिमांड, हेल्थकेयर में भी बन सकता है ट्रेंड
IT फर्मों में ऐसा खास तौर पर इसलिए हो रहा है क्योंकि कोरोना काल में डिजिटल माध्यमों पर निर्भरता बढ़ने से इनकी डिमांड खूब बढ़ी है. काम का भार बढ़ने से कर्मचारियों को कंपनी में बनाए रखना जरूरी हो गया है. हालांकि, सुनील कहते हैं कि यह ट्रेंड अन्य सेक्टरों में भी आने वाले समय में देखने को मिल सकता है.
सुनील का अनुमान है कि IT की ही तरह हाई डिमांड वाले हेल्थकेयर सेक्टर में भी अच्छे सैलरी हाइक के साथ अधिक वेरिएबल पे का चलन देखने को मिल सकता है. उनके पास इन सेक्टरों से हायरिंग के लिए मांग भी बढ़ी है.
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