भारत सरकार की ओर से नए इनोवेशन और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं. पेटेंट और कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन के नियम आसान हो जाने के कारण इससे नए उद्यमियों को काफी फायदा पहुंचा है. वहीं msme, महिला उद्यमियों के लिए शुल्क 80% तक कम कर दिया गया है. जिसके कारण देश में 5 साल में पेटेंट और ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन चार गुना बढ़ गया है. इसके साथ ही ग्लोबल इनोवेशन (Innovation) रैंकिंग में भारत की रैंक 81 से बढ़कर 48 हो गई है. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत को एक इनोवेशन (Innovation) हब के रूप में विकसित करने में अभी लंबा सफर तय करना होगा.
ग्लोबल इनोवेशन (Innovation) रैंकिंग में भारत की रैंक में सुधार देखने को मिला है. भारत 2020 में इस सूचकांक में 33 पायदान चढ़कर 48वें पायदान पर पहुंच गया, जबकि 2015-16 में यह 81 वें पायदान पर था.
केंद्रीय मंत्री ने मुंबई में पेटेंट, डिजाइन, ट्रेडमार्क, जीआई (जिओग्राफिकल इंडिकेशन) प्रणालियों के इको-सिस्टम को बढ़ावा देने, देश में इनोवेशन(Innovation) , रिसर्च और विकास को प्रोत्साहन देने के साथ ही भारत की विरासत से जुड़ी नई खोज और ज्ञान को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर साथ लाने की बात कही है.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि स्टार्टअप, महिला उद्यमियों के लिए फाइलिंग शुल्क 80 प्रतिशत तक घट गया है. वहीं डिजिटल माध्यमों के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है. हर एप्लिकेशन को अब ऑनलाइन किया जा रहा है, इसी के साथ लोगों की सुनवाई भी अब फोन पर ही हो रही है.
केंद्रीय मंत्री ने पूरी प्रक्रिया को ज्यादा आसान बनाने के सुझाव देने के साथ ही जीआई टैग और उसके महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया है. उन्होंने यह भी कहा कि विशेष रूप से स्टार्टअप्स, महिला उद्यमियों आदि द्वारा जमा एप्लिकेशन के लिए पेटेंट की जांच में तेजी लाई जा रही है ई-फाइलिंग 30 प्रतिशत से बढ़कर 95 प्रतिशत से ज्यादा हो गई है।
हमारे देश में पिछले 5-6 साल में पेटेंट, कॉपीराइट में तेजी देखने को मिली है. पेटेंट आवंटनों की संख्या 2015-16 के 6,326 से बढ़कर 2020-21 में 28,391 हो गई, जबकि ट्रेड मार्क्स रजिस्ट्रेशन की संख्या 2015-16 के 65,045 से बढ़कर 2020-21 में 2,55,993 हो गई. 2015-16 में 4,505 कॉपीराइट दिए गए थे, वहीं पिछले वित्त वर्ष में 16,402 कॉपीराइट दिए गए थे.
पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक (सीजीपीडीटीएम) कार्यालय, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के अंतर्गत कार्य करता है. महानियंत्रक पेटेंट अधिनियम, 1970, डिजाइन अधिनियम, 2000 और ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999 के कामकाज की निगरानी करते हैं.
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