अर्थव्यवस्था की दृष्टि से एक अच्छी खबर आई है. सितंबर महीने में भारत की विनिर्माण गतिविधियों में सुधार हुआ है, पीएमआई आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है. कोविड-19 संबंधी प्रतिबंधों में ढील के बीच मांग की स्थिति में सुधार के चलते भारत के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में यह सुधार देखा गया है. मौसमी रूप से समायोजित आईएचएस मार्किट भारत विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक (PMI) अगस्त के 52.3 से बढ़कर सितंबर में 53.7 हो गया. यह व्यापक रूप से व्यावसायिक गतिविधियों में मजबूत विस्तार को दर्शाता है.
#India‘s factory orders and output expanded at quicker rates in September with the #PMI up at 53.7 (Aug: 52.3). Price pressures, which receded in each of the prior two months, intensified in September, however. Read more: https://t.co/iS3giSX2E0pic.twitter.com/eKlRTPD9l9
पीएमआई आंकड़ों के अनुसार, सितंबर महीने में लगातार तीसरे महीने समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार के संकेत मिले हैं. यहां बता दें कि पीएमआई में 50 से ऊपर का आंकड़ा गतिविधियों में विस्तार को दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गतिविधियों में संकुचन को दर्शाता है.
आईएचएस मार्किट की संयुक्त निदेशक पोलियाना डी लीमा ने कहा कि मांग में बढ़ोतरी के साथ ही भारतीय विनिर्माताओं ने सितंबर में उत्पादन काफी हद तक बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि नए काम की डिमांड में पर्याप्त तेजी आई है. अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से भी यह देखने को मिला है. लीमा ने कहा कि भारत में हर ऑपरेटिंग स्थिति में लगातार तीसरे महीने सुधार हुआ है.