सरकार के रबी फसलों पर MSP बढ़ाने के फैसले ने किसानों तक सही संदेश पहुंचाया है. खासतौर पर ऐसे समय में जब वे लगातार कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. किसानों से लगातार एंगेजमेंट बनाए रखने से सुनिश्चित किया जा सकता है कि पूरा सेक्टर एकजुट होकर प्रॉडक्टिव इकोसिस्टम बना सके.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधी योजना ने सरकार के लिए छोटे और जरूरतमंद किसानों से जुड़ने का रास्ता खोला है. हालात सामान्य होने के बाद भी इसी तरह कृषि क्षेत्र पर फोकस बनाए रखना होगा. मुश्किल खड़ी होने के बाद योजनाओं की घोषणा करने का कोई मतलब नहीं रह जाता.
सेक्टर का प्रदर्शन महामारी के दौर में अच्छा रहा है. इसकी मदद से रोजगार सृजन जैसी ग्रामीण इलाकों की परेशानियां कुछ हद तक घटी हैं. कोरोना के चलते जब इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर थम गए थे, तब कृषि क्षेत्र ने अपने शहरों या गांवों की ओर लौटे कई मजदूरों को रोजगार दिया.
लंबे समय तक नीति निर्माताओं ने कैपिटलिस्ट हितों को प्राथमिकता दी है. इस चक्कर में देश के विकास में अहम भूमिका निभाने वाली एग्री कम्युनिटी नजरअंदाज होती आई है.
अभी यह सुनिश्चित करना है कि कृषि क्षेत्र को सरकार का समर्थन मिलता रहे. इसी के बल पर यह सेक्टर आर्थिक विकास में अपना योगदान दे पाएगा. एक महत्वपूर्ण वैल्यू एडिशन फिलहाल देश में किया जाना बाकी है. एग्री से जुड़ी इंडस्ट्रीज को आपस में जोड़ना और फूड इंडस्ट्री का रूप देना. इससे अर्थव्यवस्था में असल मजबूती आएगी.