natural gas prices: तैयार हो जाइए! आपके बिजली और गैस का बढ़ा हुआ बिल आपकी जेब पर असर डाल सकता है. बीते सप्ताह सरकार ने नेचुरल गैस के दामों को 62 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला किया है. अप्रैल 2019 के बाद यह पहली बढ़ोतरी है जब कीमत 1.79 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू (मीट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट) थी. मूल्य बढ़ोतरी कर संशोधन 60-70% की इजाफे की उम्मीद के अनुरूप है और ग्लोबल गैस की कीमतों में इजाफे के कारण है.
प्राकृतिक गैस की कीमतें 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर को साल में 2 बार निर्धारित की जाती हैं. और संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे देशों में दरों का पालन किया जाता है. 1 अक्टूबर से ये नई कीमतें छह महीने तक लागू रहेंगी.
यह बढ़ोतरी ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) जैसे गैस उत्पादकों के लिए पॉजिटिव हो सकती है, लेकिन यह आईजीएल और एमजीएल जैसी गैस डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों और बिजली कंपनियों के लिए नकारात्मक साबित हो सकती है. जो इनपुट के रूप में गैस का इस्तेमाल करते हैं, जिससे लागत में इजाफा होता है.
ब्रोकरेज फर्म, एडलवाइस ने पहले अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 1 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की बढ़ोतरी से ओएनजीसी के लिए टैक्स पूर्व लाभ (पीबीटी) सालाना आधार पर 14.5% बढ़ जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि आईजीएल और एमजीएल को कीमतों में 10 से 11 फीसदी बढ़ोतरी करनी होगी, जिसमें से बहुत कुछ वे पहले ही ले चुके हैं.
दूसरी ओर सेंट्रम ब्रोकिंग की रिपोर्ट में कहा गया है कि औसत गैस रिलिजेशन में प्रत्येक डॉलर का इजाफा ओएनजीसी और ऑयल इंडिया दोनों के मुनाफे पर 13 से 14% प्रभाव पड़ता है.
राष्ट्रीय राजधानी में सीएनजी की कीमतों में 2.28 रुपए प्रति किलोग्राम का इजाफा किया गया है. और घरों में आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस की कीमतों में भी प्राकृतिक गैस की कीमतों में इजाफे के बाद 2.10 रुपए की बढ़ोतरी की गई.
इंद्रप्रस्थ गैस के बयान के अनुसार, इस इजाफे का वाहनों की प्रति किलोमीटर चलने की लागत पर मामूली प्रभाव पड़ेगा. इसमें यह भी कहा गया कि कीमतों के मौजूदा स्तर पर ऑप्शनल ईंधन जैसे पेट्रोल-डीजल पर चलने वाले वाहनों की तुलना में नए संशोधित मूल्य के बाद भी, सीएनजी चलने की लागत में 60% से अधिक की बचत कर रही है.
प्राकृतिक गैस का उपयोग बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है. इसे ऑटोमोबाइल में ईंधन और रसोई में रसोई गैस के उपयोग के लिए सीएनजी में भी बदल दिया जाता है. इसलिए इससे बिजली पैदा करने की लागत बढ़ने की संभावना है, जिससे बिजली और ईंधन के बिलों में इजाफा हुआ है.
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि उपभोक्ताओं को बहुत अधिक झटका नहीं लग सकती है क्योंकि इससे बिलों में बहुत बड़ा बदलाव नहीं होगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि गैस से चलने वाली बिजली कुल बिजली उत्पादन का केवल एक छोटा हिस्सा है.
सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में इस नए बढ़े दामों के परिणामस्वरूप दिल्ली में सीएनजी के उपभोक्ता मूल्य में 2.28 रुपए प्रति किलोग्राम इजाफा हुआ है. दिल्ली में सीएनजी की नई कीमत 47.48 रुपए प्रति किलो होगी. दिल्ली में घरेलू पीएनजी की कीमतें भी 2 अक्टूबर से आईजीएल द्वारा 2.10 रुपये प्रति क्यूबिक मीटर बढ़ाकर 33.01 रुपये प्रति एससीएम (मानक क्यूबिक मीटर) कर दी गईं.
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