image: pixabay, असाधारण मूल्यवृद्धि पर काबू पाने के लिए कई कारगर नीतिगत उपायों को लागू किया जा रहा है जिनमें कालाबाजारी को नियंत्रित करना, निर्यात पर काबू और आयात को बढ़ावा देकर उपलब्धता बढ़ाना, बफर स्टॉक बनाना और उसका समयबद्ध जारी होना सुनिश्चित करना शामिल है.
Import Of Pulses: खाद्य तेलों के बाद अब दालों की महंगाई पर सरकार की नजर है. सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने इस साल 31 दिसंबर तक अरहर/कबूतर मटर और उड़द के मुफ्त आयात (Import Of Pulses) को बढ़ा दिया है. एक trade नोटिस में, मंत्रालय ने कहा कि 2021-22 की अवधि के लिए दालों के प्रतिबंधित आयात प्राधिकरण के लिए आवेदकों द्वारा जमा किए गए आवेदन शुल्क की वापसी के लिए प्रक्रिया निर्धारित की गई है. भारत दुनिया में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है.
ये कहा अधिसूचना में
वाणिज्य मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, 31 दिसंबर, 2021 को या उससे पहले जारी किए गए बिल ऑफ लीडिंग के साथ इन वस्तुओं की आयात खेप को 31 जनवरी, 2022 के बाद सीमा शुल्क द्वारा अनुमति नहीं दी जाएगी.
अधिसूचना में कहा गया है, “तूर/कबूतर मटर (केजनस काजन) और उड़द के लिए मुफ्त आयात नीति 31 दिसंबर 2021 तक की अवधि के लिए बढ़ा दी गई है.”
इस साल मई में, सरकार ने इन आयातों को प्रतिबंधित से मुक्त श्रेणी में डाल दिया. प्रतिबंधित श्रेणी के तहत, एक आयातक को आयात के लिए अनुमति या लाइसेंस की आवश्यकता होती है.
एक trade नोटिस में, मंत्रालय ने कहा कि 2021-22 की अवधि के लिए दालों के प्रतिबंधित आयात प्राधिकरण के लिए आवेदकों द्वारा जमा किए गए आवेदन शुल्क की वापसी के लिए प्रक्रिया निर्धारित की गई है.