45th meeting of GST Council: संघीय अप्रत्यक्ष कर निकाय, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 45वीं बैठक शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हो रही है. मिंट (Mint) ने बैठक से संबंधित कुछ अहम बिंदुओं का विश्लेषण किया है, जिस पर बैठक में चर्चा होने की उम्मीद है. कोरोना वायरस प्रकोप के बाद से फेडरल टैक्स निकाय में राजनीतिक नेताओं की यह पहली व्यक्तिगत बैठक है.
पिछली कुछ बैठकों में, जीएसटी मुआवजे, राजस्व संग्रह के लिए विभिन्न प्रकार के उपकरों जैसे कई मुद्दों पर केंद्र और गैर-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्यों के बीच मतभेद हो गए थे. कोविड से संबंधित चिकित्सा आपूर्ति पर टैक्स राहत की मांग भी उठने लगी है. इसलिए इस बैठक को तमाम मतभेदों को समाप्त करने के अवसर के रूप में देखा जा रहा है.
इस बार प्रमुख मुद्दे क्या हैं?
जीएसटी काउंसिल से जीएसटी मुआवजे का विस्तार करने के लिए राज्य सरकारों की मांगों पर विचार करने की उम्मीद है, जिसे संवैधानिक रूप से जून 2022 से आगे पांच साल के लिए गारंटी दी गई थी. बैठक में केंद्र और राज्य सरकारों की जीएसटी राजस्व स्थिति का विश्लेषण, नीतिगत कार्रवाई की आवश्यकता वाली न्यायिक घोषणाओं और कोविड से संबंधित टैक्स राहत के संभावित विस्तार पर चर्चा हो सकती है. इसके अलावा कच्चे माल को लेकर कुछ विसंगतियां हैं, जिसके टैक्स स्ट्रक्चर पर भी चर्चा हो सकती है.
मुआवजे का मामला क्या है?
आर्थिक मंदी और महामारी ने राज्य के राजस्व को प्रभावित किया है, जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता कम हो गई है. अधिकांश राज्यों के बजट में जीएसटी मुआवजा एक महत्वपूर्ण घटक रहा है. राज्य समाज के कमजोर वर्गों को आर्थिक और कल्याणकारी पैकेज देने, पूंजीगत खर्च करने और आर्थिक विकास को गति देने की अतिरिक्त आवश्यकता के बोझ तले दबे हैं.