घरेलू लेनदेन और आयात बढ़ने से फरवरी में माल एवं सेवा कर (GST) का संग्रह 12.5 फीसद बढ़कर 1.68 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया. यह अब तक का चौथा सबसे ज्यादा मासिक संग्रह है. इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में कुल सकल जीएसटी संग्रह 18.40 लाख करोड़ रुपए हो चुका है. यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के कर संग्रह से 11.7 फीसद अधिक है.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि फरवरी 2024 में सकल माल एवं सेवा कर (GST) राजस्व संग्रह 1,68,337 करोड़ रुपए रहा, जो 2023 के इसी महीने की तुलना में 12.5 फीसद अधिक है. इस दौरान घरेलू लेनदेन पर जीएसटी में 13.9 फीसद की वृद्धि हुई. वस्तुओं के आयात पर जीएसटी 8.5 फीसद बढ़ी.चालू वित्त वर्ष में औसत मासिक सकल संग्रह 1.67 लाख करोड़ रुपए रहा है जो पिछले वित्त वर्ष के 1.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक है.
केंद्र सरकार ने एकीकृत जीएसटी संग्रह से केंद्रीय जीएसटी के लिए 41,856 करोड़ रुपए और राज्य जीएसटी के लिए 35,794 करोड़ रुपए का निपटान किया. इस तरह फरवरी के नियमित निपटान के बाद सीजीएसटी संग्रह 73,641 करोड़ रुपए और एसजीएसटी 75,569 करोड़ रुपए रहा.
सबसे ज्यादा जीएसटी संग्रह अप्रैल 2023 में 1.87 लाख करोड़ रुपए रहा था. वहीं जनवरी 2024 में यह 1.74 लाख करोड़ रुपए और अक्टूबर 2023 में 1.72 लाख करोड़ रुपए था. फरवरी 2024 में संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपए रहा जो चौथा सर्वाधिक मासिक संग्रह है.
डेलॉयट इंडिया के पार्टनर एम एस मणि ने कहा कि तीसरी तिमाही के लिए मजबूत जीडीपी आंकड़ों के बाद अच्छा जीएसटी संग्रह सभी क्षेत्रों में व्यापक खपत को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि लगभग सभी प्रमुख राज्यों ने जीएसटी संग्रह में आठ से 21 फीसद तक की प्रभावशाली वृद्धि हुई है, जिससे पता चलता है कि सभी राज्यों में उपभोग बढ़ रहा है.
केपीएमजी इंडिया के पार्टनर और राष्ट्रीय प्रमुख (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा कि जीडीपी वृद्धि और जीएसटी राजस्व के आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और घरेलू खपत में तेजी को दर्शाते हैं.