खाद्य तेल की लगातार बढ़ रही कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने कदम उठाया है. सरकार ने रविवार को घरेलू बाजार में कीमतों में नरमी के लिए खाद्य तेल के व्यापारियों पर तेल के स्टॉक की सीमा तय कर दी है. ये सीमा अगले साल 31 मार्च तक लागू रहेगी. वहीं NCDEX मंच पर बीते आठ अक्टूबर से सरसों तेल के वायदा कारोबार पर पहले ही रोक लगा दी गई है. सरकार के इस कदम से लोगों को राहत मिलेगी.
पिछले एक साल में 46.15% तक चढ़े हैं खाद्य तेलों के दाम
सरकारी आंकड़ों की मानें तो पिछले एक साल के दौरान घरेलू खुदरा बाजारों में खाद्य तेलों के दाम 46.15% तक चढ़ गए हैं. खाद्य तेलों के दाम बढ़ने का कारण ग्लोबल फैक्टर के साथ ही घरेलू बाजार में आपूर्ति प्रभावित होना भी है. खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, केंद्र के इस फैसले से घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में नरमी आएगी. इस नरमी के कारण देशभर में उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है.
राज्य सरकारों को दिया गया आदेश
सरकार की ओर से इस संबंध में सभी राज्य और संघ शासित प्रदेशों को आदेश दिया गया है. जारी आदेश के अनुसार राज्य और केंद्र शासित प्रदेश उपलब्ध स्टॉक और उपभोग के रुख के आधार पर खाद्य तेलों तथा तिलहनों के भंडारण की सीमा पर फैसला करेंगे. हालांकि, कुछ आयातकों तथा निर्यातकों को स्टॉक की इस सीमा से छूट दी गई है. हालांकि यह छूट उन निर्यातकों को ही दी जाएगी जिनके पास विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की ओर से जारी आयातक-निर्यातक कोड होगा. वहीं जो यह बता सकेंगे कि उनके पास पूरा या कुछ स्टॉक निर्यात के उद्देश्य से है. मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा ऐसे आयातकों को इससे छूट मिलेगी जो यह बताने में सक्षम होंगे कि खाद्य तेलों तथा तिलहनों के संदर्भ में उनके भंडार का कुछ हिस्सा आयात किया गया है.