कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेतों के बीच वित्त मंत्रालय वित्त वर्ष 2022-23 के लिए वार्षिक बजट तैयार करने के लिए 12 अक्टूबर से प्रक्रिया की शुरुआत करेगा. अगले साल के बजट में मांग को बढ़ाना, रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को सतत 8 प्रतिशत से अधिक वृद्धि के रास्ते पर बनाए रखने जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. यह मोदी 2.0 सरकार और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का चौथा बजट होगा.
आर्थिक मामलों के विभाग के बजट डिवीजन द्वारा जारी बजट सर्कुलर (2022-23) के मुताबिक प्री-बजट/RE (संशोधित अनुमान) बैठकों की शुरुआत 12 अक्टूबर, 2020 से होगी. सर्कुलर में कहा गया है कि सभी वित्तीय सलाहकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन बैठकों से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी को यूबीआईएस (यूनियन बजट इंफोर्मेशन सिस्टम) के आरई मॉड्यूल में दर्ज करना सुनिश्चित करना होगा.
बता दें कि 12 अक्टूबर 2021 से प्री बजट मीटिंग की शुरुआत होगी और नवंबर के पहले हफ्ते तक प्री बजट मीटिंग होगी. बता दें कि बजट बनाने की प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय रखी जाती है. बजट बनाने के लिए वित्त मंत्रालय के अधिकारी दिन रात मेहनत करते हैं. यह काम इतना बड़ा होता है कि उनके लिए परिवार के लिए समय निकालना भी मुश्किल होता है. बजट प्रक्रिया को गोपनीय रखने के लिए उनका संपर्क पूरी दुनिया से कटा रहता है. बजट के अंतिम समय में तो उनके मोबाइल रखने पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाता है.
सर्कुलर में कहा गया है कि बैठकों में केंद्रीय क्षेत्र और केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं सहित व्यय की सभी श्रेणियों के लिए सीमा पर चर्चा की जाएगी. व्यय की सभी श्रेणियों के लिए आरआई 2021-22 और बीई 2022-23 और चुनिंदा योजनाओं/परियोजनाओं पर राजस्व और पूंजी व्यय के लिए अलग से परिचर्चा की जा सकती है.
आम बजट 2022-23 1 फरवरी, 2022 को पेश किया जाएगा.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने फरवरी के अंत में बजट पेश करने की ब्रिटिश कालीन परंपरा को समाप्त कर दिया है. तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पहली बार एक फरवरी, 2017 को बजट पेश किया था. बजट को पहले पेश करने के साथ ही मंत्रालयों को अब बजट में आवंटित उनके फंड को वित्तीय वर्ष की शुरुआत यानी अप्रैल में ही दे दिया जाता है.
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