दो स्ट्रैटेजिक प्राइवेटाइजेशन डील्स (Strategic Privatization Deals) को अंतिम रूप देने के बाद, सरकार मार्च के अंत तक चार और डील्स को फाइनल करना चाहती है. इनमें शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, बीईएमएल, पवन हंस और नीलाचल इस्पात है. निजीकरण कार्यक्रम की धीमी शुरुआत के बाद, मोदी सरकार ने इस साल की शुरुआत में घाटे में चल रही एयर इंडिया की बिक्री की घोषणा की और इस सप्ताह CEL के निजीकरण को अंतिम रूप दिया.
डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) के सेक्रेटरी तुहिन कांता पांडे ने सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स (CEL) की बिक्री की घोषणा के बाद टीओआई को बताया, ‘हम कई ट्रांजैक्शन पर काम कर रहे हैं और डील को साल के अंत तक क्लोज करने की उम्मीद कर रहे हैं.’ वहीं, ऑयल मार्केटिंग कंपनी बीपीसीएल सेल-ऑफ लिस्ट में एक प्रमुख कंपनी है. इसके साथ ही आईडीबीआई बैंक और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी का निजीकरण अगले वित्तीय वर्ष में होने की उम्मीद है. सरकार ने दो राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण की भी घोषणा की है. ये इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया हो सकते हैं.
एयर इंडिया के विपरीत, जो बड़े पैमाने पर कर्ज में दबी थी, पांडे ने कहा कि सीईएल के साथ कोई बड़ी देनदारी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘इसमें बहुत बड़ा पोटेंशियल है. एक प्राइवेट ओनर कंपनी को बढ़ने में मदद करेगा और इसे ‘मेक इन इंडिया’ पहल में अधिक सक्रिय रूप से भाग लेने में सक्षम करेगा, खासकर जब इलेक्ट्रॉनिक्स आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम का एक प्रमुख हिस्सा है. पांडे ने कहा कि कई रेगुलेटरी इश्यू के बावजूद, सरकार और टाटा ग्रुप को महीने के अंत तक एयर इंडिया की ब्रिकी की पूरी प्रोसेस को कंप्लीट करने की उम्मीद है.
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और अन्य एजेंसियों से अप्रूवल की प्रतीक्षा है, जबकि एआई को अन्य देशों में कुछ फाइलिंग भी करनी होगी. इसके अलावा, सरकार को डेट से संबंधित कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी है. सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में संसद को बताया था कि दीपम पब्लिक की 17 कंपनियों के निजीकरण की प्रोसेस कर रहा है. पांडे ने कहा, ‘स्कूटर्स इंडिया और सीमेंट कॉरपोरेशन की यूनिट जैसे पांच मामलों में प्रोसेस रोक दी गई है क्योंकि वे अब बंद होने जा रहे हैं.’
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