मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि आर्थिक विकास का मुख्य कारण विनिर्माण क्षेत्र है, जिसने त्योहारी सीजन के दौरान काफी अच्छा प्रदर्शन किया और उससे रिकवरी हुई
केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था में रिकवरी के लिए लगातार फैसले ले रही है. तेजी से हुए टीकाकरण के साथ ही अर्थव्यवस्था भी रिकवरी होते दिखाई देने लगी है. बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार वॉल स्ट्रीट ब्रोकरेज गोल्डमैन सैश का अनुमान है कि वर्ष 2021-2022 में भारत की जीडीपी (GDP Growth) 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी और यह 2022-23 में यह बढ़कर 9.8 प्रतिशत हो जाएगी.
भारत की जीडीपी दर अमेरिका और चीन को पीछे छोड़ेगी
विकास दर के मामले में भारत की जीडीपी दर अमेरिका और चीन को पीछे छोड़ते हुए चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 8.5 प्रतिशत रहेगी और अगले वित्त वर्ष 2022-23 में यह बढ़कर 9.8 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी. महामारी से प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 में देश की वृद्धि दर में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी और व्यापक रूप से 2021-22 में आधार प्रभाव के कारण तेज गति से बढ़ने की उम्मीद है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का अनुमान है कि 2021-22 में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है, और चीजें सामान्य होने के साथ ही यह धीमी होकर 7.8 प्रतिशत हो जाएगी.
सरकार बढ़ा सकती है पूंजी खर्च
गोल्डमैन सैश ने एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हम उम्मीद करते हैं कि 2022 में ग्रोथ में खपत का महत्वपूर्ण योगदान होगा, क्योंकि कोरोना वायरस की स्थिति में सुधार और टीकाकरण में तेजी से अर्थव्यवस्था पूरी तरह से फिर से खुल गई है. यानी की अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार पूंजी खर्च बढ़ा सकती है. इसके अलावा प्राइवेट कॉरपोरेट सेक्टर की तरफ से भी निवेश में धीरे धीरे तेजी आती दिख रही है और हाउसिंग इन्वेस्टमेंट में निवेश बढ़ा है.
गोल्डमैन सैश ने कहा कि जैसे-जैसे विकास गति पकड़ता है, आरबीआई अपनी नीति सामान्यीकरण शुरू करेगा, और 2022 में संचयी दर में 0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद है. इससे पहले ब्रिटेन की ब्रोकरेज कंपनी बार्कले ने कहा था कि चालू वित्तवर्ष में ग्रोथ रेट 10 फीसदी रहेगी. जबकि अगले वित्त वर्ष में यह घटकर 7.8 फीसदी रह जाएगी.