India GDP Growth: भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अच्छी खबर आने लगी हैं दुनियाभर की एजेंसियों ने अर्थव्यवस्था को लेकर अच्छे संकेत दिए हैं. बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार अर्थशास्त्रियों ने चालू वित्त वर्ष 2021-21 की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी में 7-9 फीसदी वृद्धि होने का अनुमान लगाया है. ये आंकड़े मंगलवार को जारी होने वाले हैं. केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि आर्थिक विकास का मुख्य कारण विनिर्माण क्षेत्र है, जिसने त्योहारी सीजन के दौरान काफी अच्छा प्रदर्शन किया और उससे रिकवरी हुई.
उन्होंने कहा कि जुलाई के बाद से अधिकांश राज्यों में लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद, भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. क्वांटईको रिसर्च की अर्थशास्त्री युविका सिंघल ने कहा कि कोविड संक्रमण में गिरावट के बाद लॉकडाउन में थोड़ी ढ़ील मिली साथ ही टीकाकरण अभियान ने भी गति पकड़ी. इस कारण आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई.
सिंघल ने कहा कि उद्योग और सेवा क्षेत्र के उत्पादन दोनों में अच्छी तेजी आने की उम्मीद है. सिंघल ने कहा डेली एक्टिविटी एंड रिकवरी ट्रैकर (डीएआरटी) इंडेक्स ने जुलाई में 100 की बेसलाइन को पार कर लिया था. इसके बाद अगस्त में तीसरी लहर नहीं आई और यह रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया. अर्थशास्त्रियों ने दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7-9% रहने का अनुमान लगाया है. पीडब्ल्यूसी इंडिया में आर्थिक सलाहकार सेवाओं के नेता रानन बनर्जी ने कहा कि कुछ कांट्रैक्ट सेवाओं ने वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में अपना पुराना काम फिर से शुरू किया, जिससे दूसरी तिमाही में विकास को मजबूत समर्थन मिला.
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने दूसरी तिमाही में आर्थिक विकास के लिए बेस इफेक्ट और प्री-फेस्टिवल डिमांड भी आर्थिक गतिविधियों में सुधार को जिम्मेदार बताया. भारतीय स्टेट बैंक समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा कि वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में 8.1 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि सभी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी.
आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों को कोविड-19 की दूसरी लहर थमने और बढ़ती वैक्सीन कवरेज ने काफी समर्थन दिया है. नायर ने कहा, इसके अलावा केन्द्र और राज्य सरकार के खर्च, मजबूत व्यापारिक निर्यात और कृषि क्षेत्र की निरंतर मांग ने दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों ने भी समर्थन किया.
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