रेटिंग एजेंसी फिच ने गुरुवार को भारत के वित्त वर्ष 2025 के विकास अनुमान को बढ़ा दिया है. फिच ने विकास अनुमान को पहले के अनुमानित 6.5 फीसद से बढ़ाकर 7 फीसद कर दिया है. रेटिंग एजेंसी को यह भी उम्मीद है कि आरबीआई जुलाई से सितंबर तक दर में 50 बीपीएस की कटौती कर सकता है. साथ ही उसने यह भी कहा कि उसे 2024 के अंत तक देश के सीपीआई में 4 फीसद की गिरावट का अनुमान है.
भारत में बेहतर संभावनाएं
अपने पहले के अनुमान को संशोधित करते हुए, फिच ने कहा कि चीन को छोड़कर उभरते बाजारों के लिए संभावनाएं उज्ज्वल हो गई हैं, खासकर भारत में. अब उसे उम्मीद है कि मार्च 2024 को खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष 2023-24 में विकास दर 7.8 फीसद और वित्त वर्ष 2024-25 में 7 फीसद तक पहुंच जाएगी.
इसलिए बढ़ाया अनुमान
लगातार तीन तिमाहियों में ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) की वृद्धि 8 फीसद से अधिक होने के साथ, एजेंसी ने कहा कि उसे चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में विकास की गति में कमी की उम्मीद है. इसका मतलब है कि वित्त वर्ष 2023-24 में 7.8 फीसद की वृद्धि का अनुमान है. हाल की तीसरी तिमाही में विकास दर उम्मीद से बेहतर रहकर 8.4 फीसद पर पहुंच गई. इस वृद्धि के बाद अनुमान में अपग्रेड की मांग की जा रही है जिसके बाद यह संशोधन किया गया है. भारतीय अर्थव्यवस्था विकास कर रही है इसलिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों भारत में संभावित जीडीपी वृद्धि के अपने अनुमान को 7 फीसद के करीब पहुंचा रही है.
दरों में कटौती कर सकता है RBI
इसमें आगे कहा गया है कि आरबीआई 2024 की दूसरी छमाही में दरों में कटौती करेगा. फिच ने बताया कि कटौती की मात्रा पहले के अनुमान 50 बेसिस प्वॉइंट्स यानी 0.5 फीसद से कम होगी. मौद्रिक नीति समिति अगले महीने अपनी बैठक में लगातार सातवीं बार नीतिगत दर 6.5 फीसद पर रख सकती है.