हम हर साल 15 अगस्त को आजादी का दिवस मनाते हैं. आजादी, खास तौर पर आर्थिक आजादी, के क्या मायने होते हैं? अलग-अलग लोगों के लिए इसके अलग-अलग मतलब हो सकते हैं. कुछ लोग 40 की उम्र में रिटायर होना चाहते हैं, तो कुछ पूरी दुनिया का सफर करना चाहते हैं. सभी लोगों को आर्थिक आजादी प्राप्त करने के बारे में सोचना चाहिए. तो फिर आर्थिक आजादी (Financial Freedom) कैसे प्राप्त की जाए? इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी जल्दी से जल्दी प्लानिंग करना है. हम यहां विभिन्न उम्र के हिसाब से कुछ सलाह पेश कर रहे हैं.
अक्सर इस उम्र में हम बहुत खर्च करते हैं. लेकिन यह निवेश शुरू करने का सबसे बेहतर समय होता है. क्योंकि इस दौर में जोखिम लेने की क्षमता अधिक होती है और आक्रमक निवेश किया जा सकता है. आप म्यूचुअल फंड, पीपीएफ और शेयरों पर निवेश कर सकते हैं. जो शादीशुदा हैं वे बीमा, हेल्थ इंश्योरेंस और अपने बच्चों के लिए निवेश योजनाओं के बारे में सोच सकते हैं.
a. आप छोटी बचत राशि से शुरुआत कर सकते हैं. SIP के जरिए बचत की आदत डाल सकते हैं और धीरे-धीरे इसमें इजाफा कर सकते हैं. b. 75 फीसदी बचत शेयर में करें, बाकी डेट फंडों में
c. शेयर, इक्विटी म्यूचुअल फंड, पीपीएफ और इंश्योरेंस को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करें d. अपने कर्ज को कम करें e. अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखें f. विशेषज्ञों से सलाह लें
इस उम्र में जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं. इस समय आपके करिअर में स्थायित्व आ जाता है.
यदि आपने निवेश शुरू कर दिया और इसे बढ़ाने के लिए कुछ सवाल है तो वित्तीय सलाहकारों की मदद लें. साथ ही, कर लाभ लेने के भी बहुत से विकल्प मौजूद हैं, उनका फायदा उठाएं.
a. इस दौर में जोखिम लेने की क्षमता कुछ कम होती है.
b. आप म्यूचुअल फंड को चुन सकते हैं. c. शेयरों पर 65 फीसदी, डेट पर 25 और 15 फीसदी कैश रखें d. हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस लें
इस दौर में बच्चों की शिक्षा, माता-पिता के प्रति जिम्मेदारी वगैरह बढ़ जाती है. खर्च भी बहुत बढ़ जाता है. इस उम्र में सुरक्षित निवेश करें.
a. अधिक आक्रमक न हों. b. शेयरों पर 50 फीसदी, डेट पर 30 फीसदी और 20 फीसदी नकद रखें.
c. भले ही रिटर्न थोड़ा कम मिले, किंतु सुरक्षित निवेश पर ध्यान दें.
यह रिटायरमेंट के पहले का दौर होता है. आने वाले समय में नियमित आमदनी की जरूरत महसूस होने लगती है. जोखिम लेने की क्षमता भी बहुत कम होती है.
a. शेयरों पर निवेश को कम कर 35 फीसदी पर लाया जा सकता है. डेट फंडों पर 35 फीसदी तक निवेश किया जा सकता है. 30 फीसदी नकदी रखें.
अब वेतन के रूप में आमदनी खत्म हो जाती है. इस समय अपनी जीवनचर्या पर ध्यान दें. इस उम्र जोखिम लेने की क्षमता सबसे कम होती है.
a. डेट फंडों में अधिक निवेश करें और 30 फीसदी कैश रखें. 10 फीसदी राशि हाइब्रिड फंडों के लिए रखा जा सकता है. b. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम वगैरह पर ध्यान दें.
c. Pradhan Mantri Vaya Vandan Yojana का भी ध्यान रखें, जहां सीनियर सिटीजन को 7.4. फीसदी सालाना का ब्याज मिलता है.
जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती जाती है, उसकी जरूरतों, लक्ष्यों और खर्च में बदलाव आते जाता है. इसलिए निवेश की योजना भी बदलती है. ऐसे में हर समय सही प्लानिंग की जरूरत होती है. जल्द से जल्द निवेश करना प्रारंभ करें. अपने लक्ष्यों, जोखिम लेने की क्षमता का ध्यान रखते हुए, वित्तीय सलाहकारों की मदद लें.
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