Taxation on Gold: भारत में सोना खरीदना शुभ माना जाता है और वर्षों से एक एसेट क्लास के रूप में सोना अपनी जगह बनाए हुए है. परिवारों में शादी के वक्त लड़की को 4-5 तोला सोना देना आम बात है. निवेश के नजरिए से भी सोना खरीदने की सलाह दी जाती है, वहीं हेजिंग और इंफ्लेशन के लिए भी सोने को अच्छा विकल्प माना जाता है. यदि आप भी अपनी बेटी या बहन की शादी के लिए सोना खरीद रहे हैं तो इसके साथ जुड़े टैक्स के नियम जान लेने चाहिए.
आप घर या लॉकर में कितना फिजिकल सोना रख सकते हैं उसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं. बिना वैलिड सोर्स घर में एक तय सीमा में ही सोना रख सकते हैं. आयकर नियमों के मुताबिक, घर पर एक तय सीमा में ही सोना रखा जा सकता है. अगर कोई गोल्ड कहां से आया है, इसका वैलिड सोर्स व प्रूफ देता है तो वह घर में जितनी मर्जी उतना सोना रख सकता है.
गोल्ड रखने की सीमा
बिना कोई सोर्स बताए घर या लॉकर में गोल्ड रखने की एख सीमा तय की गई है, जिसके मुताबिक विवाहित महिला 500 ग्राम, अविवाहित महिला 250 ग्राम और पुरुष को 100 ग्राम सोना बिना किसी इनकम प्रूफ या सोर्स को दिखाए रखने की अनुमति दी गई है. यदि आपके परिवार में माता-पिता, आपकी पत्नी और आपकी छोटी बहन हैं, तो आपकी माता और आपकी पत्नी दोनों 1,000 ग्राम, आपके पिता और आप दोनों 200 ग्राम और आपकी बहन 250 ग्राम, यानी कुल 1,450 ग्राम सोना रख सकते हैं.
सोना कब होगा जब्त
यदि आप इस तय सीमा से अधिक गोल्ड रखते हैं, और यदि आप अपना इनकम प्रूफ नहीं देते हैं और यह सोना कहां से आया, यह सबूत के साथ नहीं बता सकते हैं, तो आयकर विभाग सोना या सोने के आभूषण जब्त कर सकता हैं.
सोर्स दिखाके रखें मनचाहे उतना गोल्ड
अगर किसी नागरिक के पास विरासत में मिले गोल्ड समेत, उसके पास उपलब्ध सोने का वैलिड सोर्स है और वह इसका प्रमाण दे सकता है तो नागरिक कितनी भी गोल्ड ज्वैलरी व ऑर्नामेंट्स रख सकता है. यानी वैलिड इनकम सोर्स दर्शाने पर घर में सोना रखने पर कोई लिमिट नहीं है.
टैक्स के दायरे बाहर हैं ये गोल्ड
भारत में कई परिवारों को विरासत या वसीयत में कई तोला सोना मिलता हैं और इस बात को ध्यान में रखते हुए विरासत/वसीयत में मिला गोल्ड या गोल्ड ज्वैलरी व ऑर्नामेंट्स को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया हैं. नियम के मुताबिक, गिफ्ट के रूप में मिली 50,000 रुपये से कम की ज्वैलरी टैक्स के दायरे में नहीं हैं. लेकिन यह साबित करना होता है कि यह सोना गिफ्टेड है.
अगर किसी को गिफ्ट या विरासत में सोना मिला है तो इस साबित करने के लिए गोल्ड जिसने गिफ्ट किया, उसके नाम पर मौजूद रसीद समेत डिटेल्स की आवश्यकता पड़ सकती है. वहीं अगर वसीयत या विरासत में सोना मिला है तो फैमिली सेटलमेंट एग्रीमेंट, वसीयत या गोल्ड तोहफे के रूप में ट्रांसफर करने का एग्रीमेंट आदि प्रूफ के रूप में काम आ सकते हैं.
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