जेएलएल (JLL) की ‘कैपिटल मार्केट्स अपडेट Q3, 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इंस्टीट्यूशनल रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट साल दर साल (YoY) Q3 2021 (जुलाई-सितंबर) में 17% से बढ़ा है. जमीन-जायदाद के क्षेत्र में संस्थागत निवेशकों का निवेश इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर बढ़कर 72.1 करोड़ डॉलर रहा है. इस रिपोर्ट के अनुसार जुलाई से सितंबर माह में घरों की मांग बढ़ी है. कोविड संक्रमण के लगातार घटते मामले और साथ ही आर्थिक गतिविधियों से प्रतिबंधों के हटने की वजह से बिक्री में यह सुधार देखने को मिला है. इसकी वजह से इस मांग में तेजी आई है. आवास क्षेत्र, डाटा सेंटर और गोदामों से जुड़ी परियोजनाओं में सबसे ज्यादा रुपये लगाए गए हैं.
वहीं जेएलएल की रिपोर्ट के मुताबिक Q2 2021 की तुलना में, तिमाही वॉल्यूम में क्रमिक रूप से 47% की गिरावट आई है. वहीं इस साल 2021 के पहले नौ महीनों के दौरान निवेश अधिक तेज़ी से ठीक हुआ है, जिसमें कुल डील्स 2,977 मिलियन अमरीकी डालर की रहीं है, जबकि पिछले वर्ष में यह डील्स 1,534 मिलियन अमरीकी डालर की रही थी.
इंस्टीट्यूशनल रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट में फॅमिली ऑफिस, विदेशी कॉर्पोरेट ग्रुप्स, विदेशी बैंक, प्रोप्राइटरी बुक्स, पेंशन फंड, निजी इक्विटी, रियल एस्टेट फंड-कम-डेवलपर्स, फॉरेन-फंडेड NBFC और सॉवरेन वेल्थ फंड शामिल हैं.
– ट्रांसक्शन्स में स्लो ग्रोथ के कारण डील्स संबंधित में देरी होने की अधिक संभावना है. हालांकि, कुछ लंबी अवधि के फंडों ने अपारचुनटीस एसेट पोर्टफोलियो में निवेश करके अपनी रिस्क टॉलरेंस में वृद्धि की है.
– भारत के सभी निवेशकों को एसेट क्लास में ऑपरेशनल मेट्रिक्स में सुधार के संकेत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि कमर्शियल ऑफिस स्पेस नेट अब्सॉर्प्शन 8% वर्ष से बढ़कर Q3 2021 में 5.85 मिलियन वर्ग फुट हो गया है, जबकि रेजिडेंशियल सेल्स में क्रमिक रूप से 65% की वृद्धि हुई है.
– कैपिटल मार्केट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर एंड हेड, लता पिल्लई के मुताबिक Q3 2021 में निवेश के करीबी विश्लेषकों से पता चलता है कि यह कुल निवेश के 29% के लिए आवासीय क्षेत्र के लेखांकन के साथ अधिक संतुलित रहा है, इसके बाद वैकल्पिक क्षेत्र – डेटा सेंटर (डीसी) का 22% हिस्सा है। आवासीय और वाणिज्यिक की मिश्रित उपयोग वाली परियोजना में कुल निवेश का 19% हिस्सा था। Q3 2020 के दौरान केवल दो क्षेत्रों में निवेश की तुलना में तिमाही के दौरान निवेश व्यापक-आधारित रहा है, ”
लता पिल्लई का यह भी कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भारत के केंद्रीय बैंक ने इन्फ्लेशन की चिंताओं के बावजूद पॉलिसी रेट्स को अपरिवर्तित रखा है, क्योंकि इकनोमिक ग्रोथ का मजबूत होना जरुरी है. लता पिल्लई ने आने वाली तिमाहियों में मजबूत आर्थिक विकास की उम्मीद करते हुए, फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए अपने ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट्स (GDP) की वृद्धि का अनुमान 9.5% पर बनाए रखा है.
– इसके साथ ही कुछ निवेश विषयों के बने रहने की भविष्यवाणी की गई है, जैसे इंस्टीटूशनल इन्वेस्टर्स द्वारा भविष्य के आरईआईटी की लिस्ट से एसेट क्लास में पोर्टफोलियो विकास को प्रोत्साहित करने की उम्मीद है. इसके विपरीत, मौजूदा सूचीबद्ध आरईआईटी को अपने पोर्टफोलियो में वृद्धि का अनुमान है.
– इंस्टीटूशनल फंड जिनके पास एसेट्स और जियोग्राफिक का विविध मिश्रण है, उनके जल्द ही लिस्टेड होने की संभावना है. इनकम विजिबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए निवेशकों के पास निरंतर रेंटल ग्रोथ को प्राथमिकता देने की क्षमता है.
– जबकि ऑफिस प्रॉपर्टी में अधिकांश निवेश जारी रहने की सम्भावना है, लॉजिस्टिक्स और डेटा सेंटर जैसी रक्षात्मक सम्पत्तियों के भी अवसर प्रदान करने की उम्मीद है.
– इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग स्पेस, रिटर्न को अधिकतम करने के लिए विकास के चरण के दौरान निवेशकों को आकर्षित करना जारी रखेगा, क्योंकि इस क्षेत्र को ई-कॉमर्स और थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स (3PL) से लाभ होने की संभावना है. जेएलएल रियल एस्टेट और निवेश प्रबंधन पर केंद्रित पेशेवर सेवाओं में एक वैश्विक लीडर है.
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