कोरोना महामारी ने हमारे देश ही नहीं बल्कि दुनिया को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है. इस महामारी में देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए केंद्र सरकार ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज जारी किया था. इस पैकेज के तहत छोटे कारोबारियों (MSME) को सस्ता लोन उपलब्ध कराने के लिए अलग से एक इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) लाई गई थी. अब सरकार की ओर से इस स्कीम की डेडलाइन को बढ़ाने का फैसला किया गया है. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि ECLGS को अगले साल 31 मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इसी के साथ लोन वितरण की तारीख को भी बढ़ाकर 30 जून 2022 तक कर दिया गया है.
ये भी किए गए हैं बदलाव
MSME के तहत शुरू की गई इस स्कीम में कुछ बदलाव भी किए गए हैं. किसी छोटे कारोबारी ने ECLGS 1.0 या 2.0 के तहत लोन उठाया है तो वह एडिशनल क्रेडिट सपोर्ट का फायदा उठा सकता है. यह 31 मार्च 2021 के टोटल क्रेडिट आउटस्टैंडिंग का अधिकतम 10% हो सकता है.
अधिकतम 200 करोड़ का मिल सकता है लोन
जिस बिजनेस को ECLGS 3.0 के तहत चिन्हित किया गया है और जिन्होंने अब तक ECLGS स्कीम का फायदा नहीं लिया है, वह 31 मार्च 2021 को बकाया लोन के 40% के बराबर सहायता ले सकते हैं. एक बॉरोअर अधिकतम 200 करोड़ रुपये का लोन ले सकता है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 24 सितंबर तक ECLGS स्कीम के तहत अब तक 2.86 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया जा चुका है.
क्या है लोन लेने की एलिजिबिलिटी
ECLGS 3.0 के तहत टैवल, टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी और स्पोर्टिंग सेक्टर को भी इसमें शामिल कर लिया गया है. जिन कंपनियों का आउटस्टैंडिंग क्रेडिट 500 करोड़ रुपये का है, उन्हें भी इस स्कीम का फायदा मिल सकता है. इससे पहले जिन कंपनियों की आउटस्टैंडिंग 29 फरवरी, 2020 तक 50 करोड़ रुपये और फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में उस कंपनी का सालाना टर्नओवर 250 करोड़ रुपये है, वह ECLGS के तहत लोन लेने के लिए एलिजिबल थी.