देश में ढांचागत क्षेत्र के आठ प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर सितंबर में धीमी होकर चार महीने के निचले स्तर 8.1 प्रतिशत पर आ गयी. मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. साल भर पहले की समान अवधि में यह 8.3 प्रतिशत थी. पिछला निचला स्तर मई 2023 में 5.2 प्रतिशत था. अगस्त में प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्र की वृद्धि दर 12.5 प्रतिशत थी. समीक्षाधीन माह के दौरान रिफाइनरी उत्पादों, उर्वरक, सीमेंट और बिजली के उत्पादन में वृद्धि दर घटी, जबकि कच्चे तेल के मामले में यह नकारात्मक रही.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में कच्चे तेल का उत्पादन 0.4 प्रतिशत घट गया, जबकि पिछले साल के समान महीने में 2.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में आठ प्रमुख क्षेत्रों की उत्पादन वृद्धि घटकर 7.8 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले की समान अवधि में 9.8 प्रतिशत थी. सितंबर में कोयला, प्राकृतिक गैस और इस्पात का उत्पादन क्रमशः 16.1 प्रतिशत, 6.5 प्रतिशत और 9.6 प्रतिशत बढ़ा. दूसरी ओर रिफाइनरी उत्पादों की वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत, उर्वरक की वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत, सीमेंट की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत और बिजली उत्पादन की वृद्धि दर 9.3 प्रतिशत रह गई. पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले इन सभी उद्योगों में वृद्धि की रफ्तार घटी है.
इन आंकड़ों पर रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि आठ घटक क्षेत्रों में से उर्वरक उत्पादन को छोड़कर सात में वृद्धि की रफ्तार घटी है. बारिश के कारण प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्र की वृद्धि दर चार महीने के निचले स्तर पर आ गई. उन्होंने कहा कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) की वृद्धि दर भी सितंबर में एकल अंक में रह सकती है. इन आठ उद्योगों की आईआईपी में हिस्सेदारी 40.27 प्रतिशत है.