काउंसिल फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक अंडरस्टैंडिंग (CIEU-Council for International Economic Understanding) ने कहा, आईपीओ फंडिंग एक अधिक जोखिम वाला व्यवसाय है अगर यहां मुनाफा अधिक है तो घाटे की भी संभावना बनी रहती है.
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) के अंदर आने वाले कंसोर्टियम, जिन्होंने विजय माल्या को कर्ज दिया था उन्हें कुछ शेयर बेचे जाने के बाद शुक्रवार को 792.11 करोड़ रुपये दिए गए. इसके साथ ही ईडी(ED ) ने दावा किया कि बैंकों और सरकारी खजाने ने देश के अब तक के दो सबसे बड़े क्रिमिनल बैंक लोन डिफॉल्ट मामलों में हुई कुल धोखाधड़ी में से 58 फीसदी की वसूली की है.
माल्या मामले के अलावा, दूसरा मामला पंजाब नेशनल बैंक(Punjab National Bank) की ब्रैडी हाउस (Brady House ) मुंबई शाखा में 13,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से संबंधित है, जिसमें नीरव मोदी और उसके चाचा मेहुल चोकसी शामिल थे.
“विजय माल्या मामले में, एसबीआई के अंदर आने वाले कंसोर्टियम(SBI-led consortium) ने किंगफिशर एयरलाइंस शेयरों की बिक्री से 792.11 करोड़ रुपये की वसूली की है. इन शेयरों को प्रवर्तन निदेशालय(Enforcement Directorate) ने कंसोर्टियम(consortium) को सौंप दिया, “केंद्रीय जांच एजेंसी ने यहां जारी एक बयान में कहा.
अपनी आपराधिक जांच का हिस्सा मानते हुए ईडी ने इन शेयरों को पहले प्रीवेंशन ऑफ मनि लॉंडरिंग एक्ट (Prevention of Money Laundering Act) के तहत अटैच किया था.
माल्या केस में पिछले महीने भी इसी तरह की अटैच शेयरों की बिक्री के जरिए बैंक कंसोर्टियम ने 7,181 करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली की थी.
ब्रिटेन भाग गए माल्या के खिलाफ ईडी(ED) और सीबीआई(CBI), किंगफिशर एयरलाइंस(now-defunct Kingfisher Airlines) के ऑपरेशन से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी के सिलसिले में पूछताछ कर रही है.