Circle Rate: दिल्ली सरकार ने शहर में आवासीय, कमर्शियल, इंडस्ट्रियल और अन्य प्रकार की जमीन के सर्कल रेट (Circle Rate) की समीक्षा करने की कवायद शुरू कर दी है. पिछली बार दिल्ली में सर्किल रेट की समीक्षा साल 2011 में की गई थी. 11 जिलों के प्रशासन को स्टेकहोल्डर (stakeholders) के सुझावों के साथ अपनी सीमाओं के दायरे में जमीन का विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है. प्रशासन ने जिलों में सर्किल रेट का उचित मूल्यांकन करने के लिए रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, आर्किटेक्चर, बिल्डर्स दूसरे समूह के लोगों से उनके विचार मांगे हैं. स्टेकहोल्डर के सुझाव और सिफारिशें एक मौजूदा सरकारी समिति को भेजी जाएंगी. इस समिति में दिल्ली विकास प्राधिकरण, नगर निगमों और अन्य प्रशासनिक एजेंसियों के अधिकारी शामिल होंगे. सिफारिशों के आधार पर अंतिम फैसला राज्य सरकार को करना होता है.
सर्किल रेट जमीन और संपत्तियों की न्यूनतम दरें होती है. इस रेट के नीचे कोई भी संपत्ति पंजीकृत (registered) नहीं की जा सकती है. सर्किल रेट वे स्लैब हैं, जिनके अनुसार राज्य द्वारा स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क लगाया जाता है.
सभी पक्षों से मिले सुझावों पर विचार करने के बाद सर्किल रेट पर अंतिम मुहर दिल्ली सरकार लगाती है. पूर्वी जिले के राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आवासीय, कमर्शियल और अन्य प्रकार की जमीन व प्रॉपर्टी के संबंध में सर्कल रेट का पुनर्मूल्यांकन (revaluation), कृषि और नदी के किनारे की भूमि को छोड़कर चल रहा है.
अधिकारी के मुताबिक समिति की सिफारिशों को सरकार को सौंपने के बाद पूरी प्रक्रिया एक महीने के अंदर पूरी होने की संभावना है.
ए से एच कैटेगरी के रूप में लेबल की गई प्रॉपर्टी के लिए सर्कल रेट की समीक्षा की जाएगी. इस समीक्षा के बाद सर्किल रेट विभिन्न कैटेगरी की संपत्तियों में अलग-अलग प्रतिशत बढ़ सकती है, जैसा कि हर समीक्षा के बाद होता है.
ग्रेटर कैलाश और वसंत कुंज में ए कैटेगरी की संपत्तियों का सर्कल रेट सबसे ज्यादा हैं, जबकि एच श्रेणी में संपत्तियों का सर्किल रेट सभी सर्किलों में सबसे कम हैं.
फिलहाल, ए श्रेणी की संपत्ति के लिए सर्कल रेट 7.7 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर है, जबकि एच श्रेणी की संपत्ति के लिए 23,280 रुपये प्रति वर्ग मीटर है.
इसी साल फरवरी में, दिल्ली सरकार ने अचल संपत्ति के क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए आवासीय, कमर्शियल और औद्योगिक कैटेगरी में संपत्तियों की सर्कल रेट पर 20 फीसद तक छूट की पेशकश की थी.
कोरोना के कारण सरकार ने सर्किल रेट में छूट दी थी. सरकार का मानना था कि सर्किल रेट कम करने से रियल एस्टेट में अधिक लेन-देन को बढ़ावा मिलेगा और स्थिति को सामान्य बनाया जा सकेगा.
सुझाव जमा करने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. प्रत्येक जिले की वेबसाइट पर फीडबैक और सुझाव जमा करने के लिए एक निर्धारित प्रारूप अपलोड किया गया है.
फीडबैक और विचार 31 जुलाई की शाम से पहले जमा करना है. सभी जिले स्टेकहोल्डर्स से फीडबैक जमा कर रहे हैं.
प्रॉपर्टी की कीमतों में हो सकते हैं बदलाव, सर्किल रेट पर सरकार कर रही है समीक्षा
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