केंद्र सरकार ‘बैकस्टॉप सुविधा’ (backstop facility) के नियमों को फिलहाल अंतिम रूप देने में लगी है, जिसे कॉर्पोरेट ऋण बाजार को मजबूत करने के लिए स्थापित किया जाएगा. यह फेसिलिटी एक इकाई के रूप में अतरल निवेश-ग्रेड कॉरपोरेट बॉन्ड (illiquid investment-grade corporate bonds) में व्यापार कर सकती है. सेकेंडरी मार्केट में प्रतिभागियों से ऐसे बॉन्ड खरीदने के लिए तनाव के समय पर यह सुविधा आसानी से उपलब्ध होगी.
बॉन्ड बाजार पर काम करने की जरूरत
CII फाइनेंशियल मार्केट्स समिट को संबोधित करते हुए आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव आनंद मोहन बजाज ने कहा कि बॉन्ड बाजार पर काफी काम करने की जरूरत है. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने बताया कि सरकार और सभी प्रमुख भागीदार बॉन्ड बाजार को विकसित करने के लिए लगातार बातचीत कर रहे हैं.
बजाज ने कहा कि सरकार एक बैकस्टॉप सुविधा पर विचार कर रही है, जो गैर-तनाव समय के दौरान भी उपलब्ध होगी. बजाज ने एकल प्रतिभूति बाजार कोड (rationalised single securities market code) को युक्तिसंगत बनाने के लिए अलग से बजट में घोषणा करने पर जोर दिया और कहा कि यह लंबी अवधि में यह बेहद काम की साबित होगी.
भारतीय सॉवरेन बॉन्ड पर चल रहा काम
CII के कार्यक्रम में मुख्य आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा कि सरकार और RBI वैश्विक बॉन्ड सूचकांकों में भारतीय सॉवरेन बॉन्ड को शामिल करने पर काम कर रहे हैं. इस साल के अंत तक सरकार कुछ स्पष्ट ऐलान कर सकती है.
सान्याल ने कहा कि पिछले साल हमने विदेशी निवेशकों के लिए सरकारी ऋण बाजार का एक हिस्सा खोला था. लेकिन उस समय केवल कुछ निवेशकों ने ही दिलचस्पी दिखाई थी. इस बाबत सरकार साल के अंत तक कुछ मजबूत निर्णय ले सकती है.