केमन आइलैंड्स और साइप्रस से भारत में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान तगड़ी गिरावट दर्ज की गई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-सितंबर 2023 की अवधि में केमन आइलैंड्स से भारत में एफडीआई 75 प्रतिशत घटकर 14.5 करोड़ डॉलर रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 58.2 करोड़ डॉलर था.
इसी तरह, इस अवधि में साइप्रस से आने वाला निवेश भी 95 प्रतिशत से अधिक घटकर 3.5 करोड़ डॉलर पर आ गया जबकि पिछले साल की समान छमाही में यह 76.4 करोड़ डॉलर था. कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, वाहन और औषधि क्षेत्रों में कम विदेशी निवेश आने से आलोच्य अवधि में भारत में एफडीआई 24 प्रतिशत घटकर 20.48 अरब डॉलर रह गया. विशेषज्ञों ने साइप्रस और केमन से एफडीआई में तेज गिरावट के लिए आवेदनों की गहन जांच को जिम्मेदार ठहराया है.
नांगिया एंडरसन इंडिया में साझेदार (नियामकीय) अंजलि मल्होत्रा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में कर बचत के लिहाज से बेहद आकर्षक माने जाने वाले सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे देशों से आने वाले एफडीआई प्रवाह में भी गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि इन सभी देशों से विदेशी निवेश में आई गिरावट पहली छमाही के दौरान भारत में कुल एफडीआई में आई गिरावट के ही अनुरूप है. इस गिरावट का कारण अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों में उच्च मुद्रास्फीति के कारण बढ़ी हुई ब्याज दरों को माना जा सकता है.
डेलॉइट इंडिया में साझेदार संजय कुमार ने कहा कि साइप्रस से दुनिया भर में हुए कुल एफडीआई प्रवाह में 62 प्रतिशत की वार्षिक गिरावट देखी जा रही है. हालांकि केमन आइलैंड्स का नाम अक्टूबर में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ‘ग्रे सूची’ से हटाए जाने के बाद यहां से एफडीआई प्रवाह फिर तेज हो सकता है.