भारत इस फाइनेंशियल ईयर में राज्य के स्वामित्व वाली कई कंपनियों का निजीकरण करेगा. इसमें एयर इंडिया (Air India) और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) जैसी कंपनियां शामिल है. कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (CII) के एनुअल सेशन में डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) सेक्रेटरी तुहिन कांता पांडे ने ये जानकारी दी है.
तुहिन कांता पांडे ने कहा कि 17 सालों की लंबी अवधि के बाद हम सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण देखेंगे. बीपीसीएल और एयर इंडिया के अलावा शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, पवन हंस, नीलांचल इस्पात निगम अन्य सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियां हैं, जिन पर निजीकरण के लिए काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इनमें से कई कंपनियों के लिए प्रक्रिया दूसरे चरण में है और हमें निवेशकों का पर्याप्त इंटरेस्ट भी देखने को मिल रहा है.
विलय के बाद से ही घाटे में एयर इंडिया
सरकार ने एयर इंडिया में अपनी पूरी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो 2007 में इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद से घाटे में है. हरदीप सिंह पुरी जब सिविल एविएशन मिनिस्टर थे तब उन्होंने कहा था, ‘हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. हमें या तो निजीकरण करना होगा या एयरलाइन को बंद. एयर इंडिया को हर दिन 20 करोड़ रुपये का नुकसान होता है. एयर इंडिया पर कुप्रबंधन के कारण 60,000 करोड़ रुपये का कर्ज (cumulative debt) हो गया है.’
बीपीसीएल में सरकार की 52.98% हिस्सेदारी
सरकार के पास बीपीसीएल में 52.98% हिस्सेदारी है, जिसे बेचने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. सरकार ने संभावित बोलीदाताओं को 10 अप्रैल 2021 को बीपीसीएल के डेटा तक पहुंच प्रदान की थी. अब तक वेदांता और प्राइवेट इक्विटी फर्म अपोलो ग्लोबल और आई स्क्वायर कैपिटल की आर्म थिंक गैस बीपीसीएल में सरकार की हिस्सेदारी खरीदने की होड़ में हैं.
निजीकरण से 1.7 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य
वित्त मंत्रालय ने FY22 में निजीकरण और संपत्ति की बिक्री से 1.7 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. सरकार ने 2021-22 बजट में पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज के प्राइवेटाइजेशन की पॉलिसी की घोषणा की थी. इस पॉलिसी के अनुसार परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष और रक्षा के चार रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़कर, सभी सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण किया जाएगा. इसे लेकर कांता पांडे ने कहा कि यह प्रक्रिया कोविड-19 की दूसरी लहर से काफी प्रभावित हुई थी. हालांकि, यह अब वापस पटरी पर है.
बैंक और इंश्योरेंस कंपनी का भी निजीकरण होगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण की जानकारी दी थी. आज की तारीख में, पब्लिक सेक्टर में चार जनरल इंश्योरेंस कंपनियां हैं- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड. सरकार इनमें से किसका प्राइवेटाइजेशन करेगी ये अभी फाइनल नहीं किया गया है.
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