चंडीगढ़ के रास्ते जीटी रोड करनाल से राजस्थान की पिंक सिटी जयपुर जाने तक का सफर अब और आसान होगा. यात्रियों का न सिर्फ कीमती समय बचेगा, बल्कि इससे उनके ईंधन की बचत भी होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार अब जयपुर और करनाल को जोड़ने के लिए नेशनल हाईवे-344 बना रही है. इस हाईवे की वजह से दिल्ली के कई गांवों को भी फायदा हुआ है क्योंकि इन गांवों में सरकार ने भूमि अधिग्रहण भी शुरू कर दिया है.
जानकारी के अनुसार, करीब 100 मीटर चौड़े इस हाईवे को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की तरह तैयार किया जाएगा. इसे ईको फ्रेंडली बनाने की जिम्मेदारी सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने प्राइवेट एजेंसियों को सौंपी है. दिल्ली में करीब 43 किलोमीटर लंबा यह हाईवे दिल्ली के द्वारका, रोहिणी और नरेला जैसे इलाके से होकर गुजरेगा. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने मोहम्मदपुर मजरी, मदनपुर डबास, रानी खेड़ा व रसूलपुर गांव में अधिग्रहण शुरू कर दिया है जिसकी अधिसूचना बीते 28 जुलाई को जारी की गई. यहां किसानों को भुगतान भी हो चुका है. वहीं बहादुरगढ़, रोहतक, सोनीपत, करनाल, पानीपत से यह लिंक होगा. यह हाईवे दिल्ली के बक्करवाला से बहादुरगढ़ बाईपास और बवाना से हरेवली बॉर्डर तक भी जुड़ेगा जिसके लिए अलग से मार्ग बनाया जाएगा.
नई दिल्ली स्थित हिमालयन टूरिस्ट एजेंसी के विवेक ध्यानी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश या चंडीगढ़ से जयपुर जाने वाले यात्रियों को अभी काफी लंबा रास्ता लेना पड़ता है. ईस्टर्न पैरिफेल से मानेसर तक का सफर करीब 100 किलोमीटर से भी अधिक हो जाता है जिसमें एक से दो घंटे का वक्त अधिक लगता है लेकिन इस हाईवे के बाद यात्रा 100 से घटकर 60 किलोमीटर तक हो जाएगी और समय में भी 50 फीसदी से ज्यादा बचत होगी.
उन्होंने कहा, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के बीच काफी टूरिस्ट सालाना आना-जाना करते हैं. पर्यटकों के लिए यह सफर और आसान हो जाएगा क्योंकि इन्हें कम समय में ज्यादा से ज्यादा टूरिस्ट प्लेस विजिट करने होते हैं. इसका असर टूरिस्ट एजेंसी पर भी पड़ेगा और समय के साथ साथ ईंधन की बचत भी होगी.
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