COVID Vaccine Fast Track: सरकार ने विदेश में बनी कोरोना वैक्सीन को भारत में लगाने के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी देने की प्रक्रिया को फास्ट-ट्रैक करने का ऐलान किया है. जिन वैक्सीन को अमेरिका, यूरोप, यूके और जापान के रेगुलेटर में मंजूरी मिली हुई है उनको जल्द से जल्द मंजूरी मिल पाएगी. इससे भारत के वैक्सीनेशन को तेजी मिलने की उम्मीद है क्योंकि यहां अब तक सिर्फ दो ही वैक्सीन इस्तेमाल में लाई जा रहीं थी – कोविशील्ड और कोवैक्सीन. फास्ट-ट्रैक मंजूरी से भारत में उपलब्ध वैक्सीन की संख्या बढ़ेगी. कल ही भारत में रूस की वैक्सीन स्पुतनिक को भी इमरजेंसी इस्तेमालकी मंजूरी मिली है.
COVID Vaccine Fast Track: इस फास्ट-ट्रैक के तहत जिन 100 लोगों को सबसे पहले ये वैक्सीन लगाई जाएगी उन्हें 7 दिन तक निगरानी में रखा जाएगा. इस दौरान मिली जानकारी और नतीजों के बाद ही वैक्सीन को पूरे देश के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा.
इसके तहत विदेश में हुई क्लिनिकल ट्रायल की जानकारी को इस्तेमाल किया जाएगा. जबकि अब तक देश के अंदर क्लिनिल ट्रायल कराना अनिवार्य था. न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल्स रूल्स 2019 के दूसरे शेड्यूल में स्थानीय क्लिनिकल ट्रायल का प्रावधान था.
भारत में कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी का मुद्दा उठाया था. विदेश में बनी वैक्सीन को मंजूरी से घरेलू प्रोडक्शन पर दबाव भी कम होने की उम्मीद है.
अमेरिका में फिलहाल 3 वैक्सीन को दवा रेगुलेटर US FDA से मंजूरी मिली हुई है – फाइजर-बायएनटेक की वैक्सीन, मॉडर्ना की वैक्सीन और जॉन्सन एंड जॉन्सन की डेवलप की वैक्सीन जैनसन. कोरोना से सुरक्षा दिलाने में फाइजर की वाक्सीन 95 फीसदी सफल रही है. ये वैक्सीन 16 साल के उम्र से ऊपर के सभी लोगों को दी जा सकती है. इस वैक्सीन को 21 दिन के अंतराल पर दूसरा डोज दिया जाता है. वहीं मॉडर्ना की वैक्सीन 28 दिनों के अंतराल पर दी जाती है और इसकी कारगर क्षमता 94.1 फीसदी है. जैनसन वैक्सीन का सिर्फ एक डोज लगाना होता है और ये कोरोना संक्रमण रोकने में 66 फीसदी सफल रही है.
COVID Vaccine Fast Track: यूके में फाइजर और मॉडर्ना के अलावा एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को भी दवा रेगुलेटर MHRA से मंजूरी मिली हुई है. एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड को भारत में इस्तेमाल किया जा रहा है जिसे सीरम इस्टिट्यूट बना रहा है.
यूरोपीय मेडिसंस एजेंसी ने 4 वैक्सीन को मंजूरी दी है जिसमें मॉडर्ना, जैनसन, और वैक्सजिवेरिया शामिल हैं. वैक्सजिवेरिया एस्ट्राजेनेका की ही वैक्सीन है तो वहीं चौथी वैक्सीन है कॉमिर्नेटी (Comirnty). EMA की वेबसाइट के मुताबिक इस वैक्सीन को कोरोना संक्रमण रोकने में 95 फीसदी सफलता मिली है.
इसके अलावा WHO से मंजूरी मिली वैक्सीन को भी भारत में फास्ट-ट्रैक के तहत मंजूरी दी जाएगी. WHO की वेबसाइट के मुताबिक 18 फरवरी 2021 तक कुल 7 तरह की वैक्सीन को इस्तेमाल में लाया जा रहा है. वहीं, जापान में फाइजर की ही वैक्सीन इस्तेमाल में लाई जा रही हैं.
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