हाल के दिनों में बाजार में निचले स्तरों से कुछ रिकवरी देखने को मिली है. महंगाई, ब्याज दरें, राजकोषीय घाटे जैसी चुनौतियां बाजार में बनी हुई हैं.
दो साल के बाद बैंकों ने एक बार फिर एक्सपेंशन पर काम शुरू कर दिया है. सरकारी हो या प्राइवेट हर बैंक अपना एटीएम नेटवर्क को विस्तार देने में जुटा है.
फ्यूचर्स और ऑप्शंस में ट्रेडिंग के लिए BSE और NSE के पास रजिस्टर्ड ब्रोक्रिंग फर्म में ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है.
वेल्थ क्रिएशन यानी संपत्ति बनाने के लिए आपको कई चीजों का ध्यान रखना होता है. जानिए इस बारे में हर खास बात...
अगर बाजार में तेजी का यानी बुलिश रुख है और ट्रेडर को लगता है कि शेयर का भाव ऊपर जाएगा, तो वह उसे लंबे समय के लिए होल्ड कर सकता है.
निवेश से मुनाफा कमाना सभी चाहते हैं. उसके लिए मार्केट में कई तरीके के विकल्प मौजूद हैं. हम आज ऐसे ही विकल्प के बारे में बात करेंगे.
वित्तवर्ष 2023 की पहली तिमाही में निफ्टी और कॉर्पोरेट जगत के नतीजे अनुमान से कमजोर रहे. महंगाई का असर कंपनियों की बैलेंसशीट पर भी दिखने लगा है.
नई फसल आने पर कपास की सप्लाई में सुधार होने की उम्मीद है और यार्न मिलों के लिए पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध हो सकता है लेकिन भाव कम होगा इसकी गारंटी नहीं है.
खरीफ दलहन की खेती में आई कमी से उपज घटने की आशंका बढ़ गई है और यही आशंका दालों की महंगाई को बढ़ा रही है.
क्या आप जानते हैं कि बिना इंश्योरेंस के कार चलाते हुए अगर ट्रैफिक पुलिस पकड़ ले तो क्या होगा?