केले की कीमतों में क्यों आई तेजी?

कारोबारियों का कहना है कि केले का खुदरा भाव 30 रुपए प्रति किलोग्राम के आस-पास चल रहा है. अक्टूबर में केले का खुदरा भाव 19-20 रुपए था.

केले की कीमतों में क्यों आई तेजी?

देश के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में खेती घटने और बीमारी फैलने की वजह से केले की कीमतों में उछाल दर्ज किया गया है. पिछले महीने जारी उपभोक्ता महंगाई के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर के महीने में केले की महंगाई दर बढ़कर 16.5 फीसद दर्ज की गई, जो कि 4 महीने पहले 2.2 फीसद थी. कारोबारियों का कहना है कि केले का खुदरा भाव 30 रुपए प्रति किलोग्राम के आस-पास चल रहा है. अक्टूबर में केले का खुदरा भाव 19-20 रुपए था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केला उत्पादक संघ के अध्यक्ष बी वी पाटिल का कहना है कि मौसम की स्थिति प्रतिकूल रहने की वजह से इस साल केले की फसल पर कई बीमारियों का प्रकोप रहा है जिसकी वजह से उत्पादन प्रभावित हुआ है.

कारोबारियों का कहना है कि दिल्ली की सबसे बड़ी फल और सब्जी मंडियों में से एक आजादपुर मंडी में केले का मॉडल प्राइस 6 जनवरी को 2,900 रुपए प्रति क्विंटल था, जबकि अक्टूबर 2023 में भाव 1,800 रुपए प्रति क्विंटल था. विशेषज्ञों के मुताबिक केले की कीमतों में और तेजी आ सकती है और निकट भविष्य में महंगाई का गणित गड़बड़ा सकता है. जानकारों का कहना है कि नवंबर 2023 के महीने में फलों की महंगाई करीब 11 फीसद थी और सप्लाई घटने की वजह से निकट भविष्य में फलों की महंगाई ऊंची रह सकती है.

आंकड़ों के मुताबिक देश में केले का सालाना उत्पादन 35.36 मीट्रिक टन है. वित्त वर्ष 2023 में देश से सिर्फ 1 फीसद केले का निर्यात दर्ज किया गया था. कारोबारियों और उत्पादकों का कहना है कि बेमौसम बारिश और बीमारी के प्रकोप की वजह से कुछ इलाकों में केले का उत्पादन 15-30 फीसद तक प्रभावित हुआ है, जिससे केले की कीमतों में इजाफा दर्ज किया गया है. दूसरी ओर केले के एक अन्य प्रमुख उत्पादक राज्य बिहार में किसान केले को छोड़कर मक्का की खेती की ओर रुख कर गए हैं. दरअसल, पोल्ट्री फीड और एथेनॉल के लिए मक्के की मांग में बढ़ोतरी की वजह से किसान इसका फायदा उठाने के मकसद से मक्का की खेती को बढ़ा रहे हैं.

Published - January 8, 2024, 01:22 IST