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1 मई को भारत के सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक साल दर साल 10.3 फीसद कम होकर 2008 के बाद से सबसे निचले स्तर पर आ गया.
गेहूं का भाव एमएसपी के ऊपर होने से मिलर्स और कारोबारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
सरकार निर्यात पर लगाई गई पाबंदियों को हटाने का फैसला करने से पहले खरीद धान की बुआई का आकलन कर सकती है.
पिछले साल 45 लाख टन चीनी का डायवर्जन एथेनॉल उत्पादन के लिए किया गया था.
पिछले साल ब्राजील से करीब 5 हजार टन उड़द का इंपोर्ट दर्ज किया गया था.
लोगों के पास भारत में ज्यादा प्रभावी उत्पादन होगा जिससे उनकी सप्लाई चेन कॉस्ट कम हो जाएगी.
गेहूं के बीज की नई वैरायटी HD 3386 को हाल ही में कृषि मंत्रालय की केंद्रीय बीज समिति द्वारा मंजूरी दी गई है.
अबतक सरकारी एजेंसियों ने किसानों से करीब 236 लाख टन गेहूं की खरीद की है.
सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के मकसद से चीनी निर्यात की अनुमति नहीं दी है.
DGFT ने अपने नोटिफिकेशन में कहा कि NCEL के जरिए मॉरीशस को गैर-बासमती चावल निर्यात किए जाने की अनुमति दी गई है.