गीली कोको बीन्स की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. पिछले साल की तुलना में इस साल गीली कोको बीन्स का दाम सूखी कोको बीन्स के दाम से आगे निकल चुका है. सेंट्रल सुपारी एंड कोको मार्केटिंग एंड प्रोसेसिंग कोऑपरेटिव (कैंपको) लिमिटेड ने गीली कोको बीन्स 255 रुपए प्रति किलोग्राम और सूखी कोको बीन्स 825 रुपए प्रति किलोग्राम पर खरीदा है. एक साल पहले की अवधि के दौरान किसानों को गीली कोको बीन्स के लिए करीब 55 रुपए प्रति किलोग्राम और सूखी कोको बीन्स के लिए 220 रुपए प्रति किलोग्राम मिले थे. पिछले साल की तुलना में गीली कोको बीन्स का दाम पांच गुना और सूखी कोको बीन्स का दाम चार गुना तक बढ़ गया है.
कैंपको के प्रेसिडेंट किशोर कुमार कोडगी के मुताबिक सहकारी समितियां मौजूदा समय में किसानों को गीली कोको बीन्स के लिए 255 रुपए प्रति किलोग्राम की कीमत ऑफर कर रही हैं. उनका कहना है कि सहकारी समितियां कर्नाटक और केरल के बाजारों में प्रमुख कोको उत्पादक केंद्रों से कोको की खरीदारी करती हैं. उन्होंने कहा कि कैंपको प्रतिस्पर्धी कीमतों की पेशकश करके किसानों का समर्थन कर रहा है.
बीते तीन हफ्ते में कोको बीन्स की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सहकारी समितियां तीन हफ्ते पहले कैंपको गीली कोको बीन्स 160-175 रुपए प्रति किलोग्राम और सूखी कोको बीन्स 600 रुपए प्रति किलोग्राम पर खरीदा कर रही थीं. कैंपको के प्रबंध निदेशक कृष्णकुमार एचएम ने कहा कि ग्लोबल कोको उत्पादन खासकर अफ्रीका में करीब 11 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है.
जलवायु परिवर्तन, अलनीनो का प्रभाव और कोको की जड़ से संबंधित एक बीमारी की वजह से दुनिया के कुछ हिस्सों में इसके पौधे नष्ट हो गए हैं और यही वजह है कि ग्लोबल मार्केट में कोको बीन्स की कीमतों में उछाल दर्ज किया गया है. बता दें कि एक किलोग्राम गीली कोको बीन्स से तकरीबन 280 ग्राम से 320 ग्राम सूखी कोको बीन्स प्राप्त होती है. हालांकि बरसात के मौसम में गीली कोको बीन्स की उपज कम हो जाती है.