रबी की खेती औसत से आगे, लेकिन पिछले साल से कम

कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 5 दिसंबर तक रबी फसलों का कुल रकबा 654.89 लाख हेक्टेयर हो चुका है

रबी की खेती औसत से आगे, लेकिन पिछले साल से कम

रबी की खेती का सीजन खत्म होने के साथ रबी फसलों की खेती में सुधार हुआ है. चने और रबी धान को छोड़ अधिकतर फसलों की खेती या तो पिछले साल के बराबर है या पिछले साल से आगे. 5 जनवरी तक रबी फसलों का कुल रकबा औसत के मुकाबले आगे बढ़ गया है, हालांकि पिछले साल से तुलना करें तो खेती हल्की पिछड़ी हुई है. कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 5 दिसंबर तक रबी फसलों का कुल रकबा 654.89 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जबकि पिछले साल इस दौरान 663.07 लाख हेक्टेयर में खेती दर्ज की गई थी. हालांकि सामान्य तौर पर इस दौरान 648.41 लाख हेक्टेयर में फसल लगती है.

रबी सीजन की सबसे प्रमुख फसल गेहूं का रकबा लगभग पिछले साल के बराबर हो चुका है, इस बार मौसम भी अभी तक फसल के अनुकूल बना हुआ है, ऐसे में इस साल गेहूं की उपज बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है. कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 5 दिसंबर तक देशभर में 331.7 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती हुई है जबकि पिछले साल इस दौरान 331.9 लाख हेक्टेयर में फसल लगी थी, सामान्य तौर पर इस दौरान 307.32 लाख हेक्टेयर में फसल लगती है.

इस साल दलहन का रकबा हालांकि पिछड़ा हुआ है, चने की खेती घटने की वजह से दलहन का कुल रकबा पिछले साल के मुकाबले करीब 8 लाख हेक्टेयर पिछड़ा हुआ है, 5 दिसंबर तक दलहन का कुल रकबा 148.18 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जिसमें 100.12 लाख हेक्टेयर में चने की खेती है. पिछले साल इस दौरान 107.65 लाख हेक्टेयर में चने की खेती हो चुकी थी. चने के साथ रबी धान का रकबा भी पिछले साल के मुकाबले करीब 2 लाख हेक्टेयर पिछड़कर 18 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है.

हालांकि इस साल मोटे अनाज और तिलहन की खेती पिछले साल से आगे है. सरसों की खेती में हुई बढ़ोतरी की वजह से कुल तिलहन रकबा 107 लाख हेक्टेयर को पार कर चुका है, इसमें 98.86 लाख हेक्टेयर में सरसों की खेती है. 5 दिसंबर तक मोटे अनाज का कुल रकबा 49.82 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जिसमें करीब 19 लाख हेक्टेयर में रबी मक्का और 22 लाख हेक्टेयर में ज्वार की खेती है. इसके अलावा जौ की खेती 8 लाख हेक्टेयर को पार कर चुकी है.

रबी फसलों के लिए अभी तक मौसम अनुकूल बना हुआ है और जनवरी के दौरान देशभर में बरसात की स्थिति भी ठीक रहने का अनुमान लगाया जा रहा है. ऐसा हुआ तो फसल को फायदा होगा और उत्पादन बढ़ाने में मददगार होगा. फसलों के उत्पादन को लेकर कृषि मंत्रालय की तरफ से अग्रिम अनुमान में फरवरी में जारी होगा.

Published - January 6, 2024, 08:00 IST