प्याज के निर्यात पर कई तरह के अंकुश की वजह से बांग्लादेश को आलू का निर्यात नहीं हो रहा है लेकिन उसके विपरीत आलू का निर्यात जमकर हो रहा है. दरअसल, बाजारों में ज्यादा सप्लाई होने की वजह से आलू के दाम काफी गिर चुके हैं और भाव काफी नीचे होने की वजह से पश्चिम बंगाल के आलू उत्पादकों ने पड़ोसी देश बांग्लादेश को आलू का निर्यात करना शुरू कर दिया है. बता दें कि मौजूदा समय में पश्चिम बंगाल में आलू का जो स्टॉक है उसकी बिक्री करना मुश्किल हो रहा है. सप्लाई ज्यादा होने की वजह से किसानों को आलू की सही कीमत नहीं मिल पा रही है और यही वजह है कि राज्य के कुछ बड़े किसानों ने बांग्लादेश को आलू का निर्यात करना शुरू कर दिया है.
पंजाब से दिसंबर में सप्लाई शुरू होने की उम्मीद
कोलकाता में सियालदह के कोले मार्केट में आलू की ज्योति वैरायटी का थोक भाव करीब 15-16 रुपए प्रति किलोग्राम है, जो कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में कम है. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के बाजारों में रांची से आलू पहले ही आ चुका है और पंजाब से आलू की सप्लाई दिसंबर की शुरुआत में आने की संभावना है. इसके अलावा बंगाल में पुखराज जैसी आलू की किस्म भी दिसंबर के तीसरे हफ्ते से बाजार में आने की उम्मीद है. पश्चिम बंगाल सब्जी उत्पादक एवं विक्रेता संघ के प्रेसिडेंट कमल डे के मुताबिक नई फसल के बाजार में आने के बाद लोग पुराना स्टॉक नहीं खरीदना चाहते हैं, इसीलिए बीते कुछ दिनों से बांग्लादेश को आलू निर्यात किया जा रहा है. निर्यात के बगैर पुराने स्टॉक वाले आलू उत्पादकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. उनका कहना है कि पिछले साल पश्चिम बंगाल से पड़ोसी देश बांग्लादेश को काफी कम मात्रा में आलू का निर्यात हुआ था.
2022-23 में बंगाल में उत्पादन ज्यादा
2022-23 के दौरान देश के दूसरे सबसे बड़े आलू उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल में करीब 4.60 लाख हेक्टेयर में आलू की खेती की गई थी और कुल उत्पादन लगभग 100 लाख टन दर्ज किया गया था, जो कि 2021-22 की तुलना में अधिक था. जानकारों का कहना है कि मौजूदा समय में आलू का दाम पिछले साल की तुलना में काफी कम है और अभी यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि भाव वर्तमान स्तर के आस-पास रहेगा या नहीं. उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश से आलू की आवक शुरू होने के बाद कई चीजों में बदलाव हो सकता है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है. पश्चिम बंगाल में आलू की बुआई आमतौर पर नवंबर के मध्य से शुरू होती है, जबकि फसल की कटाई जनवरी में होती है. 2023-24 में अनुकूल मौसम की स्थिति को देखते हुए बंगाल में नवंबर के मध्य से बुआई शुरू होने का अनुमान है.