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एफसीआई ने बुधवार को थोक खरीदारों को 0.35 मिलियन टन गेहूं की बिक्री की है, जो कि जून में साप्ताहिक ई-नीलामी शुरू होने के बाद से सबसे ज्यादा है.
एफसीआई इस साल अब तक ओएमएसएस के तहत केवल 3.04 लाख टन चावल ही बेच पाई है.
ग्लोबल मार्केट में चावल की सप्लाई अभी कम है जबकि मांग उससे ज्यादा बनी हुई है.
व्यापार की मात्रा में हुए महत्वपूर्ण विस्तार, संगठित कंपनियों की हिस्सेदारी में सुधार के कारण राजस्व में बढ़ोतरी होगी.
बजट में कृषि मंत्रालय के आवंटन में 39 फीसद की बढ़ोतरी का अनुमान है
2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए देश की प्रति व्यक्ति आय 6-7 गुना बढ़नी होगी.
2023-24 के दौरान उत्पादन में मामूली 4 फीसद की बढ़ोतरी की वजह से सरकार के द्वारा तय किया गया उत्पादन का लक्ष्य हासिल हो सकता है.
नोटिफिकेशन के मुताबिक मार्च 2025 तक खाद्य तेल के इंपोर्ट पर न्यूनतम इंपोर्ट ड्यूटी जारी रहेगी.
केंद्र सरकार ने मार्च 2024 तक ओएमएसएस के लिए 101.5 लाख टन गेहूं आवंटित किया है.
देश के उत्तरी क्षेत्र में ‘पिंक बॉल वर्म’ कीट के संक्रमण के कारण उत्पादन में कमी का अनुमान है.