उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP सुनिश्चित करके किसानों की आय को दोगुना किया जा सकता है. नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने राज्यों को मौजूदा माहौल के अनुरूप कृषि नीतियां बनाने का सुझाव देते हुए यह बातें कही हैं. उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा है कि कुछ राज्यों में किसानों को उनकी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करके उनकी आय को दोगुना किया जा सकता है.
उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि गुणवत्ता और स्वास्थ्य केंद्रित खाद्य उत्पादों पर ध्यान देकर किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की जा सकती है. उन्होंने किसानों से राज्यों पर दबाव बनाने के साथ-साथ उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में नीतियां लागू करने की अपील की हैं. उन्होंने कहा कि हमें अपनी कृषि नीति को वर्तमान परिवेश के अनुरूप आगे बढ़ाने की जरूरत है. साथ ही 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए देश की प्रति व्यक्ति आय 6-7 गुना बढ़नी होगी.
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के समावेशी विस्तार को सुनिश्चित करने के लिए कृषि में भी न्यूनतम 4-5 फीसद की वृद्धि जरूरी है. आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्यों में कृषि विकास दर 6-7 फीसद दर्ज की गई है, जो कि मैन्युफैक्चरिंग से भी बेहतर है. उसी विकास पथ को देश के बाकी हिस्सों में भी दोहराया जा सकता है.
उन्होंने यह भी कहा कि कृषि निवेश में सरकार का योगदान लगभग 16-17 फीसद है. हालांकि अभी अधिकांश निवेश किसानों द्वारा स्वयं किया जाता है. उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि कॉर्पोरेट सेक्टर ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सिर्फ एक बाजार के तौर पर माना है.