भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने चालू वित्त वर्ष में अब तक खुले बाजार बिक्री योजना यानी ओएमएसएस के तहत 5.51 मिलियन टन गेहूं की बिक्री की है. अधिकारियों का कहना है कि चालू वित्तीय वर्ष में बिक्री का आंकड़ा अब तक के उच्चतम स्तर पर 10 मिलियन टन तक पहुंच सकता है. इस साल एफसीआई ने जनवरी तक खुले बाजार में बिक्री शुरू करने की सामान्य प्रथा से काफी पहले जून में अपने स्टॉक से गेहूं निकालना शुरू कर दिया था. एफसीआई ने बुधवार को थोक खरीदारों को 0.35 मिलियन टन गेहूं की बिक्री की है, जो कि जून में साप्ताहिक ई-नीलामी शुरू होने के बाद से सबसे ज्यादा है.
थोक खरीदारों ने 2,129 रुपए प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य के मुकाबले 2,181 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर गेहूं की खरीद की है. 26 अक्टूबर को खत्म हफ्ते के लिए एफसीआई को 2,310 रुपए के ऊंचे स्तर तक की बोलियां मिली थीं. मौजूदा समय में एफसीआई के पास गेहूं का स्टॉक 17.05 मिलियन टन है, जो कि 2016 के बाद से 1 जनवरी के लिए 13.8 मिलियन टन के बफर की तुलना में सबसे कम है.
खाद्य मंत्रालय ने हाल ही में खुले बाजार में गेहूं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए थोक खरीदारों को 0.3 मिलियन टन की वर्तमान प्रथा के बजाय एफसीआई के स्टॉक से 0.4 मिलियन टन गेहूं साप्ताहिक आधार पर बिक्री का फैसला किया है. चालू वित्त वर्ष के अंत तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सप्लाई के लिए करीब 5 मिलियन टन गेहूं की आवश्यकता है. अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अतिरिक्त 4.6 मिलियन टन गेहूं बिक्री का लक्ष्य बनाया है.