प्याज की खेती से मुंह मोड़ सकते हैं महाराष्ट्र के किसान!

प्याज के निर्यात की नीति को 31 मार्च, 2024 तक मुक्त से प्रतिबंधित श्रेणी में डाल दिया गया है.

प्याज की खेती से मुंह मोड़ सकते हैं महाराष्ट्र के किसान!

महाराष्ट्र के किसान प्याज की खेती को बंद करने के लिए विचार कर रहे हैं. दरअसल, सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश के लिए प्याज के निर्यात पर अगले साल मार्च तक प्रतिबंध लगा दिया है. महाराष्ट्र के किसान प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं. हालांकि अभी यह अनिश्चित है कि सरकार किसानों के विरोध का कितना संज्ञान लेती है, लेकिन एक बात साफ है कि अगर सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेती है तो किसान प्याज की खेती बंद कर सकते हैं और दूसरी फसलों की ओर रुख कर सकते हैं.

बता दें कि विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि प्याज के निर्यात की नीति को 31 मार्च, 2024 तक मुक्त से प्रतिबंधित श्रेणी में डाल दिया गया है. प्याज की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार ने अगस्त में इसके निर्यात पर सख्ती करते हुए एक्सपोर्ट पर 40 फीसद टैक्स भी लगा दिया था. गौरतलब है कि देश में प्याज के कुल उत्पादन में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 43 फीसद है और अगर राज्य के किसान दूसरी फसलों की ओर रुख करते हैं तो प्याज की सप्लाई काफी प्रभावित होगी. बता दें कि देश में हर महीने तकरीबन 13 लाख टन प्याज की खपत होती है.

महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संगठन के प्रेसिडेंट भरत दिघोले के मुताबिक सरकार किसानों के लिए प्याज की खेती को अलाभकारी बना रही है. उनका कहना है कि सरकार की उतार-चढ़ाव भरी नीतियों की वजह से किसानों को भारी नुकसान हुआ है और वे अब और बोझ उठाने के लिए तैयार नहीं हैं. वहीं महाराष्ट्र में आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि उनमें से कई किसान पहले ही अन्य फसलों की ओर रुख कर चुके हैं और सरकार का यह फैसला कई अन्य किसानों को भी दूसरी फसलों की ओर रुख करने के लिए मजबूर करेगा.

Published - December 14, 2023, 01:08 IST