राजस्थान सरकार ने गेहूं की खरीद पर 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने का ऐलान किया है. राज्य सरकार के द्वारा 2,275 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के ऊपर बोनस दिया जाएगा. राज्य में गेहूं की सरकारी खरीद सार्वजनिक वितरण प्रणाली की वास्तविक जरूरत से कम होने का अनुमान है. राजस्थान सरकार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभार्थियों के बीच वितरित करने के लिए सालाना 27 लाख टन गेहूं की जरूरत है. राज्य सरकार के द्वारा करीब 20 लाख टन गेहूं खरीद होने का अनुमान है.
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से विधानसभा चुनाव से पहले किए गए वादे के अनुरूप राजस्थान सरकार ने पिछले हफ्ते 1 अप्रैल से शुरू होने वाले आगामी सीजन के लिए गेहूं का खरीद मूल्य 2,400 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया था. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की प्रमुख योजना पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली सालाना 6,000 रुपये की राशि में भी बढ़ोतरी कर दी है. राज्य सरकार ने इस राशि को बढ़ाकर सालाना 8,000 रुपये कर दिया है.
बता दें कि 2014 में केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी करके राज्यों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के ऊपर बोनस की घोषणा करने से रोक दिया था. हालांकि इसमें शर्त थी कि अगर कोई राज्य बोनस की घोषणा करता है, तो केंद्र सरकार की खरीद एक साल के लिए राज्य की वास्तविक जरूरत तक सीमित होगी. 2023-24 में केंद्र सरकार ने राजस्थान से 4.38 लाख टन गेहूं की खरीद की थी. 2022-23 में 0.1 लाख टन गेहूं की खरीदारी की गई थी. उत्पादन में कमी और फसल को नुकसान की वजह से पिछले दो साल में गेहूं का दाम खुले बाजार में ऊंचा रहा है, यही वजह रही है कि देशभर में केंद्र सरकार के द्वारा लक्ष्य से कम खरीद हुई है. बता दें कि 2021-22 में गेहूं की रिकॉर्ड खरीद दर्ज की गई थी और केंद्र सरकार ने राजस्थान से 23.4 लाख टन गेहूं की खरीद की थी.