फंसा पैसा मिलेगा वापस, सहारा निवेशकों को करना होगा बस ये काम

सहारा समूह की सहकारी समितियों में पैसा लगाकर फंसे लोगों के लिए अच्‍छी खबर है। करोड़ों निवेशकों को अपना पैसा वापस पाने में अब और ज्‍यादा इंतजार नहीं करना होगा।

फंसा पैसा मिलेगा वापस, सहारा निवेशकों को करना होगा बस ये काम

सहारा समूह की सहकारी समितियों के करोड़ों निवेशकों को अपना पैसा वापस पाने में अब और ज्‍यादा इंतजार नहीं करना होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार सहारा समूह की चार सहकारी समितियों के निवेशकों को पैसा लौटाने की तैयारी पूरी कर चुकी है। इसके लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह मंगलवार को सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्‍च किया है। इस पोर्टल पर रिफंड से जुड़ी सारी प्रक्रिया को बताया जाएगा। निवेशक ऑनलाइन अपने दावे पेश कर सकेंगे। जांच के बाद दावा सही पाए जाने पर निवेशक के खाते में पैसा ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

कौन-से निवेशक कर सकेंगे दावा पेश
सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में पैसा लगाने वाले निवेशक ही इस पोर्टल पर दावा पेश कर सकेंगे। इन चार सहकारी समितियों के नाम हैं:
1. सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड
2. सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड
3. हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड
4. स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड

फंसे हैं 10 करोड़ निवेशक 
सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में करीब 10 करोड़ निवेशकों ने पैसा जमा किया है। इन निवेशकों को करीब 5,000 करोड़ रुपए लौटाए जाएंगे। इस पूरी प्रक्रिया को सरकार ने 9 महीने में पूरा करने का लक्ष्‍य रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपए केंद्रीय सहकारी समिति रजिस्‍ट्रार (सीआरसीएस) को ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। इस राशि से ही सहारा निवेशकों का पैसा लौटाया जाएगा।

45 दिन में पैसा मिलेगा वापस
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल की शुरुआत करते हुए कहा, इस पोर्टल का मकसद सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में जमा करोड़ों लोगों की मेहतन की कमाई को लगभग 45 दिनों में वापस करना है। शाह ने जमाकर्ताओं को भरोसा दिया कि अब उनका धन कोई नहीं रोक सकता है। पोर्टल पर पंजीकरण करने के 45 दिनों में निवेशकों को उनका रिफंड मिल जाएगा।

शुरुआत में मिलेंगे 10,000 रुपए
शुरुआत में सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल के माध्‍यम से जमाकर्ताओं को 10,000 रुपए तक का रिफंड दिया जाएगा। बाद में उन लोगों के लिए राशि बढ़ाई जाएगी जिन्होंने अधिक निवेश किया है। 5,000 करोड़ रुपए से पहले चरण में 1.7 करोड़ जमाकर्ताओं को पैसा लौटाया जाएगा।

2.5 करोड़ लोगों का जमा है पैसा
सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में लगभग 2.5 करोड़ लोगों का रुपया जमा है। इनमें से प्रत्‍येक ने औसत 30,000 रुपए तक जमा किया है। 5,000 करोड़ रुपए जमाकार्ताओं को लौटाने के बाद सहकारिता मंत्रालय सुप्रीम कोर्ट से और धनराशि जारी करने का अनुरोध करेगा।

आधार और मोबाइल लिंक जरूरी
सहारा निवेशकों को अपना फंसा पैसा वापस पाने के लिए दो बातें बहुत जरूरी हैं। पहली कि उनका मोबाइल नंबर आधार के साथ लिंक होना चाहिए, और दूसरी बैंक खाते को आधार से जुड़ा होना, जिसमें रिफंड जमा किया जाना है। पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण के लिए साझा सेवा केंद्र जमाकर्ताओं की मदद करेंगे।

क्‍यों लॉन्‍च किया गया पोर्टल
सहकारिता मंत्रालय सहारा समूह के निवेशकों की तरफ से दावा प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए इस विशेष पोर्टल की शुरुआत की गई है। सहारा समूह की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं की तरफ से वैध दावे जमा करने के लिए पोर्टल विकसित किया गया है।

सहकारिता मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से मांगा था पैसा
सहारा समूह की सहकारी समितियों के पास पैसे जमा करने वाले निवेशकों को राहत दिलाने के लिए सहकारिता मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी। सहकारिता मंत्रालय के मुताबिक सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट में 24,979.67 करोड़ रुपया जमा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सहारा समूह ने 2012 में यह राशि जमा कराई थी। सहकारिता मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सेबी-सहारा अकाउंट में 2,253 करोड़ रुपए सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड ने सहारा इंडिया रियल एस्‍टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SIRECL) की ओर से जमा कराए थे। ये पैसा सहारा समूह की को-ऑपरेटिव सोसायटी के निवेशकों का था। सहकारिता मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से सहकारी समितियों के निवेशकों का पैसा वापस करने के लिए 5,000 करोड़ रुपए मांगे थे।

क्‍या है सेबी-सहारा रिफंड खाता
सहारा इंडिया रियल एस्‍टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इनवेस्‍टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) ने ऑप्‍शनली फुल कन्‍वर्टिबल बॉन्‍ड (OFCD) के जरिय पैसा जुटाया था। बाजार नियामक सेबी के मुताबिक सहारा की इन कंपनियों ने ये पैसा नियमों का उल्‍लंघन कर जुटाया था। 2011 में सेबी ने सहारा को ये पैसा लौटाने का आदेश दिया। सहारा समूह ने सेबी के इस आदेश को 2012 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी के आदेश को सही बताते हुए सहारा समूह की दोनों कंपनियों को 15 फीसदी ब्‍याज के साथ निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश दिया। निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेबी-सहारा रिफंड अकाउंट खोला गया और सहारा समूह ने इस अकाउंट में 24,000 करोड़ रुपए से अधिक पैसा जमा कराया।

Published - July 18, 2023, 01:14 IST