शुक्रवार को खबर आई कि सरकार ने तुरंत प्रभाव से पर्सनल कम्प्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट के आयात पर प्रतिबन्ध लगा दिया है. इस खबर के बाद लोगों में अफरा तफरी मच गई और उन्होंने हड़बड़ाहट में लैपटॉप खरीदना शुरू कर दिए. लिहाजा पिछले वीकेंड लैपटॉप की बिक्री उससे पिछले हफ्ते की तुलना में 25 फीसद बढ़ गई. हालांकि अगले दिन सरकार की तरफ से कंप्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट के फ्री इंपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को टालने की घोषणा की गई है. लेकिन इसके बावजूद सोमवार को भी लैपटॉप की ब्रिक्री जारी रही. दरअसल लोगों में यह भ्रम फैल गया है कि आयात पर प्रतिबंध लगने के बाद देश में लैपटॉप की कमी हो सकती है और लैपटॉप महंगे हो सकते हैं. यह भ्रम लोगों को लैपटॉप खरीदने पर मजबूर कर रहा है.
सेल में खूब बिक रहे लैपटॉप
स्वतंत्रा दिवस के मौके पर कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अलग-अलग सेल चला रहे हैं. इन सेल्स में लैपटॉप की खूब बिक्री हो रही है. अमेजन की इंडिपिडेंस सेल में लैपटॉप पर प्रतिबंध की खबर के बाद इसकी बिक्री में अचानक तेजी गई है. लैपटॉप की खरीदारी सोमवार को भी जारी रही. रिटेल स्टोर्स पर भी लैपटॉप की बिक्री में उछाल आया है. देश के बड़े इलेक्ट्रॉनिक स्टोर विजय सेल्स से मिले आंकड़ो के मुताबिक पिछले वीकेंड लैपटॉप की बिक्री उससे पिछले हफ्ते की तुलना में 20 फीसद बढ़ गई है. सोशल मीडिया पर ऐसा भ्रम फैलाया जा रहा है कि आयात पर प्रतिबंध के बाद लैपटॉप की कीमतें महंगी हो सकती है या इसकी सप्लाई में कमी आ सकती है. इसलिए कई लोग डर कर अभी से लैपटॉप खरीदने लगे हैं. सरकार भी इस पूर मामले पर नजर बनाए हुए हैं. लोगों में फैले की डर की वजह से दुकानदार कीमतों में इजाफा न कर दे इसलिए सरकार कीमतों पर नजर रख रही है.
लाइसेंस लेकर होगा आयात
घरेलू स्तर पर कंप्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इनके फ्री इंपोर्ट पर प्रतिबंध लगाया था. हालांकि सरकार ने लैपटॉप, कम्प्यूटर और टैबलेट के आयात पर रोक लगाने के फैसले को 31 अक्टूबर तक टाल दिया है. इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां तीन महीने तक लाइसेंस के बिना इन उपकरणों का आयात कर सकेंगी. एक नवंबर से लैपटॉप और कम्प्यूटर का आयात करने के लिए इन कंपनियों को सरकार से लाइसेंस लेना होगा. कम्प्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट का आयात अब Restricted श्रेणी में रहेगा. अगर इंपोर्ट जरूरी है तो उसके लिए वैध इंपोर्ट लाइसेंस लेना होगा. हालांकि बैगेज नियम के तहत इंपोर्ट होने वाले इन प्रोडक्ट्स पर प्रतिबंध नहीं होगा.
क्यों लगाई रोक
सरकार का मकसद घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना भी है. भारत में कंप्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट का अधिकतर इंपोर्ट चीन से होता है और चीन से बढ़ते इंपोर्ट की वजह से भारत का व्यापार घाटा बढ़ रहा है. वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान भारत में 5.33 अरब डॉलर के लैपटॉप और टैबलेट का इंपोर्ट हुआ जिनमें 4.1 अरब डॉलर का इंपोर्ट अकेले चीन से हुआ. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इन वस्तुओं के फ्री इंपोर्ट पर रोक लगाने का फैसला किया है. इसके अलावा सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इस रोक लगाने के पीछे प्रमुख कारण नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. अधिकारी ने कहा कि देश में इंटरनेट की पहुंच तेजी से पहल रही है. इसे देखते हुए भारतीय नागरिकों को ऐसे परिवेश की जरूरत है, जहां उनका डेटा ऐसी मशीनों या उपकरणों के समक्ष न पहुंचे, जिनसे उन्हें सुरक्षा संबंधी जोखिम हो.