जलाशयों में पानी का स्तर 10 साल के औसत से कम

दक्षिण पश्चिम मानसून में अभी तक 11 फीसद की कमी दर्ज की गई.

जलाशयों में पानी का स्तर 10 साल के औसत से कम

देश के 150 प्रमुख जलाशयों में पानी का भंडार बीते 10 साल के औसत से नीचे बना हुआ है. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों से इसकी जानकारी मिली है. बता दें कि अभी तक दक्षिण पश्चिम मानसून में 11 फीसद की कमी दर्ज की गई है. जल आयोग के साप्ताहिक बुलेटिन के मुताबिक 6 सितंबर तक जलाशयों में पानी का भंडार 111.737 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) था, जो कि लाइव भंडारण क्षमता का 62 फीसद है, जबकि 1 साल पहले समान अवधि में यह स्तर 150.851 बीसीएम था. वहीं बीते 10 साल का औसत 129.591 बीसीएम था. बीते साल और पिछले 10 साल के भंडारण क्षमता का यह क्रमश: 74 फीसद और 86 फीसद है.

बिहार में पानी के भंडारण का स्तर सबसे कम
150 में से 27 जलाशयों में पानी का भंडार सामान्य स्तर से 50 फीसद से कम है. बुलेटिन में कहा गया है कि महानदी और पेन्नार के बीच पेन्नार और पूर्व की ओर बहने वाली नदियों में पानी में भंडारण की अत्यधिक कमी है, जबकि सुवर्णरेखा, ब्राह्मणी और बैतरनी, कावेरी, माही, कृष्णा और ताडरी से कन्याकुमारी तक पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों में भंडारण की कमी है. राज्यवार आंकड़ों को देखें तो बिहार में पानी का स्तर सामान्य से 82 फीसद कम है, जबकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में यह 62 फीसद कम है. अन्य राज्य जहां पानी का भंडारण सामान्य से कम है, वे राज्य केरल (48 फीसद), तमिलनाडु (55 फीसद), पश्चिम बंगाल (46 फीसद), उत्तर प्रदेश (42 फीसद), ओडिशा (32 फीसद) और झारखंड (26 फीसद) हैं.

आंकड़ों को देखें तो यह बात सामने आती है कि सिर्फ 5 जलाशय ऐसे हैं जो क्षमता से ज्यादा भरे हुए हैं. उन जलाशयों में से 3 तेलंगाना और 2 पश्चिमी भारत में हैं. दक्षिण भारत के 42 जलाशयों में से 17 में पानी का भंडारण 40 फीसद से से कम है, जबकि पूर्व में 23 जलाशयों में से 9 का स्तर 40 फीसद से कम है. ठीक ऐसी ही स्थिति पश्चिम के 49 जलाशयों में से 7 और मध्य भारत के 26 जलाशयों में से 7 में बनी हुई है.

उत्तर की स्थिति बेहतर
हालांकि उत्तर भारत में जलाशय को ज्यादा कमी का सामना नहीं करना पड़ा है, उसके बावजूद 10 में से एक जलाशय के भंडारण का स्तर 50 फीसद से कम है. बुलेटिन में कहा गया है कि सिंधु, कच्छ और सौराष्ट्र में पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों लूनी, नर्मदा, तापी, साबरमती, गोदावरी और पेन्नार एवं कन्याकुमारी के बीच पूर्व की ओर बहने वाली नदियों में भंडारण सामान्य से बेहतर है. गंगा, ब्रह्मपुत्र, बराक और अन्य, महानदी और तापी से ताडरी तक पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों में भंडारण का स्तर सामान्य के आस-पास है.

Published - September 8, 2023, 02:12 IST