स्‍टॉक और म्‍यूचुअल फंड पर लगने वाले कैपिटल गेंस टैक्‍स को कैसे बचाएं?

आखिर ये LTGC और STCG लगता कब है? जब कोई संपत्ति, जैसे जमीन, घर या शेयर बेचे जाते हैं, तब इनकी बिक्री पर होने वाले लाभ पर कैपिटल गेंस लगता है.

स्‍टॉक और म्‍यूचुअल फंड पर लगने वाले कैपिटल गेंस टैक्‍स को कैसे बचाएं?

लखनऊ में रहने वाले आर्यन ने अभी-अभी अपना करियर शुरू किया है. वह स्‍टॉक और शेयर मार्केट में खूब पैसे लगाता है. वहीं आर्यन के पापा जय पिछले 7 साल से म्‍यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं. आर्यन को अभी-अभी पता चला है कि स्‍टॉक और म्‍यूचुअल फंड पर लगने वाले कैपिटल गेंस टैक्‍स को बचाया जा सकता है. यह जानकर वह हैरान है. 2018 के बजट में स्टॉक और इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स यानी LTGC को लागू किया गया था. इसने निवेशकों का मूड बिगाड़ दिया था.

आखिर ये LTGC और STCG लगता कब है? जब कोई संपत्ति, जैसे जमीन, घर या शेयर बेचे जाते हैं, तब इनकी बिक्री पर होने वाले लाभ पर कैपिटल गेंस लगता है. सभी लिस्‍टेड इक्विटी शेयर और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स जिन्‍हें 12 महीने से अधिक समय बाद बेचने पर होने वाले पूंजीगत लाभ को लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस यानी LTCG कहते हैं. अनलिस्‍टेड शेयरों के मामले में होल्डिंग पीरियड 24 महीने का होता है यानी जब ऐसे शेयरों को खरीदने के 24 महीने बाद बेचा जाता है, तब इन पर LTCG लगता है. जब लिस्‍टेड शेयर और इक्विटी म्यूचुअल फंड को खरीदने की तारीख से एक साल के भीतर बेचा जाता है, तब इस पर होने वाले लाभ को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन कहा जाता है. डेट म्‍यूचुअल फंड के लिए होल्डिंग पीर‍ियड 36 महीने का है. शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्‍स के लिए सभी लिस्‍टेड शेयर या इक्विटी ओरिएंटेड म्‍यूचुअल फंड या जीरो कूपन बॉन्‍ड के लिए होल्डिंग पीरियड 12 महीने से कम है, वहीं सभी अनलिस्‍टेड शेयरों या जमीन और भवन के लिए होल्डिंग पीरियड 24 महीने है.

अब आइए जानते हैं कैसे होती है इन दोनों टैक्‍स का कैलकुलेशन. यदि किसी एक वित्‍त वर्ष में आपको 1 लाख रुपए तक का लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस या यूं कहें कि पूंजीगत लाभ होता है. तब इस पर कोई टैक्‍स नहीं लगता है. एक लाख रुपए से अधिक के LTCG पर 10 फीसदी की दर से टैक्‍स लगता है और इस पर इनडेक्‍सेशन का फायदा नहीं मिलता है. लेकिन इक्विटी शेयर पर होने वाले लाभ पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्‍स के लिए 15 फीसदी की दर से टैक्‍स लगता है. किसी एक वित्‍त वर्ष में इक्विटी से मिलने वाला 10 लाख रुपए तक का डिविडेंड भी टैक्‍स फ्री होता है लेकिन 10 लाख रुपए से ज्‍यादा के डिविडेंड पर 10 फीसदी की दर से टैक्‍स लगता है.

म्‍यूचुअल फंड्स दो प्रकार से लाभ प्रदान करते हैं. एक डिविडेंड और दूसरा कैपिटल गेंस. जब एक कंपनी के पास सरप्‍लस कैश हो जाता है. तब वह इसे अपने शेयरहोल्‍डर्स के बीच डिवीडेंड के रूप में बांटती है. निवेशकों को उनके पास मौजूद म्‍यूचुअल फंड यूनिट की संख्‍या के प्रतिशत के रूप में डिविडेंड मिलता है. जब कोई निवेशक अपनी यूनिट को खरीद मूल्‍य से ज्‍यादा कीमत पर बेचता है, तब इस स्थिति में उसे होने वाले लाभ को कैपिटल गेन्‍स माना जाता है.

म्‍यूचुअल फंड इनवेस्‍टर्स के लिए अपने निवेश पर लाभ पाने का एक तरीका डिविडेंड भी है. इस पर तीन तरह से टैक्‍स लगता है. डिविडेंड डिस्‍ट्रीब्‍यूशन टैक्‍स को खत्‍म करने के लिए 2020 के वित्‍त कानून में संशोधन किया गया है. 31 मार्च, 2020 से पहले इनवेस्‍टमेंट ट्रस्‍ट से होने वाली डिविडेंड आय निवेशकों के लिए टैक्‍स फ्री थी. निवेशक के हाथ में आने वाला कुल डिविडेंड पर अब इनकम फ्रॉम अदर सोर्स के तहत लागू इनकम टैक्‍स स्‍लैब के आधार पर टैक्‍स लगाया जाता है.

इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स पर इक्विटी शेयर की तरह ही LTCG और STCG टैक्‍स लगता है लेकिन इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स पर मिलने वाले डिविडेंड की बात करें तो यह इनवेस्‍टर्स के लिए टैक्‍स फ्री होता है क्‍योंकि म्‍यूचुअल फंड्स हाउस पहले ही डिविडेंड भुगतान पर डिविडेंड डिस्‍ट्रीब्‍यूशन टैक्‍स दे चुके होते हैं. STCG और LTCG की उपरोक्‍त दर केवल तभी लागू होती है, जब विक्रेता सिक्‍यूरिटीज ट्रांजेक्‍शन टैक्‍स यानी STT का भुगतान करता है.

टैक्‍स एक्‍सपर्ट गोपाल केडिया का कहना है, “इंडीविजुअल या HUF टैक्‍सपेयर एक वित्‍त वर्ष में 80सी के तहत म्‍यूचुअल फंड में निवेश कर अपनी कुल कर योग्‍य आय में से 1.5 लाख रुपए की कटौती का लाभ ले सकता है। म्‍यूचुअल फंड और शेयर दोनों की बिक्री पर 10 फीसदी की दर से LTCG और 15 फीसदी की दर से STCG लगता है.” Money9 का सुझाव है कि ‘अगर आप अपनी संपत्ति को अधिक समय तक अपने पास रखते हैं, तब आप पर कम टैक्‍स देनदारी बनती है. लेकिन यहां याद रखना यह जरूरी है कि IRS के नोटिस से बचने के लिए आपको अपने इनकम टैक्‍स रिटर्न में LTCG का उल्‍लेख अनिवार्य रूप से करना चाहिए. अगर आपको अपने निवेश पर LTCG का कैलकुलेशन करने में परेशानी आ रही है, तो विशेषज्ञ की सहायता लें.’

Published - October 3, 2022, 12:08 IST