Income Tax: आज से लागू हो जाएगा ये नया नियम, जानिए आप पर क्या पड़ेगा फर्क

अगर कोई बायर किसी सेलर से 50 लाख रुपये से ज्यादा रुपये के गुड्स की खरीदारी करता है तो उसे उस पर 0.1 फीसदी रकम इनकम टैक्स के तौर पर काटनी होगी.

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इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म जैसे म्यूचुअल फंड हाउस, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन और डीलर ने भी अपनी गाइडलाइन्स को और सख्त बता दिया है

इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म जैसे म्यूचुअल फंड हाउस, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन और डीलर ने भी अपनी गाइडलाइन्स को और सख्त बता दिया है

1 जुलाई 2021 से इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में नया सेक्शन 194Q लागू हो जाएगा. इस सेक्शन के तहत बदलाव ये होने वाला है कि अगर कोई बायर किसी सेलर से 50 लाख रुपये से ज्यादा रुपये के गुड्स की किसी भी पिछले साल में खरीदारी करता है तो उस रकम के सेलर को भुगतान करने से पहले उस पर 0.1 फीसदी रकम इनकम टैक्स के तौर पर काटनी होगी.

आयकर विभाग की जारी अधिसूचना के मुताबिक, फाइनेंस एक्ट, 2021 में इस नए सेक्शन 194Q को लागू किया गया है और ये 1 जुलाई 2021 से लागू हो रहा है.

आयकर विभाग की अधिसूचना में कहा गया है कि बायर ऐसा शख्स है जिसका जिस फाइनेंशियल ईयर में गुड्स की खरीदारी की गई है उससे पिछले वित्त वर्ष में टर्नओवर या ग्रॉस रिसीट्स 10 करोड़ रुपये से ज्यादा रही हैं.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) के मुताबिक, 1 जुलाई से 50 लाख रुपये से ज्‍यादा के सौदों पर पहले से ही टैक्‍स कटेगा. बुधवार की देर शाम इस संबंध में इनकम टैक्‍स विभाग ने इस बात का ऐलान किया है.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने कहा है कि उसने TDS काटने और TCS कलेक्शन करने वालों के लिये उन व्यक्तियों की पहचान करने में मदद की एक नई व्यवस्था विकसित की है, जिन पर 1 जुलाई से ऊंची दर से टैक्स वसूला जाएगा.

वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में यह प्रावधान किया गया है कि पिछले 2 वित्त वर्षों में इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) नहीं भरने वाले उन लोगों के मामले में सोर्स पर टैक्स कटौती और सोर्स पर टैक्स कलेक्शन अधिक दर से होगा, जिन पर 2 वर्षों में प्रत्येक में 50,000 रुपए या उससे अधिक टैक्स कटौती बनती है.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आयकर अधिनियम 1961 में एक नई धारा 194Q सम्मिलित की जो 1 जुलाई से प्रभावी होगी. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ट्विटर पर भी इसकी जानकारी दी है.

CBDT ने कहा कि चूंकि टीडीएस काटने वाले या टीसीएस संग्रहकर्ता को व्यक्ति की पहचान को लेकर इस पर उचित ध्यान और कार्य करने की आवश्यकता होगी, अत: इससे उन पर अतिरिक्त अनुपालन बोझ पड़ सकता है.

यहां देखिए इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट का ट्वीट

इसके पूर्व इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने रिटर्न नहीं भरने वाले ऐसे लोगों के मामले में ज्यादा दर से टैक्स कटौती/कलेक्सन को लेकर धारा 206AB अैर 206CCA के क्रियान्वयन को लेकर सर्कुलर जारी किया. जिसमें बताया कि धारा 206AB और 206CCA के लिये अनुपालन जांच को लेकर नई व्यवस्था जारी की गयी है. इससे स्रोत पर कर काटने वाले तथा टीसीएस संग्रहकर्ता के लिये अनुपालन बोझ कम होगा.

Published - June 30, 2021, 10:32 IST